मिल्कीपुर: अधिवक्ताओं ने फूंका मुख्यमंत्री का पुतला, अधिवक्ताओं का विरोध प्रदर्शन 16 वें दिन भी रहा जारी 

मिल्कीपुर अयोध्या। हापुड़ की घटना के बाद से अधिवक्ताओं का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है बार एसोसिएशन मिल्कीपुर तहसील के अधिवक्ताओं का हड़ताल 16 वें दिन भी जारी रहा। अधिवक्ताओं ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पुतला फूंक कर तहसील परिसर में विरोध प्रदर्शन किया।
इस दौरान पैदल मार्च करते हुए पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए सैकड़ो अधिवक्ताओं ने मुख्यमंत्री का पुतला फूंका। विगत दिनों हापुड़ के अधिवक्ताओं पर पुलिस द्वारा बरतापूर्वक किए गए लाठी चार्ज और अधिवक्ताओं पर दर्ज किए गए फर्जी मुकदमा से प्रदेश के सभी अधिवक्ता हड़ताल पर हैं। हापुड़ की घटित घटना से अब तक सरकार और पुलिस प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई न किए जाने पर प्रदेश के सभी अधिवक्ताओं में आक्रोश व्याप्त है। इसी कड़ी में धरना प्रदर्शन के आज 16 वें दिन मिल्कीपुर तहसील के अधिवक्ताओं ने बार एसोसिएशन अध्यक्ष पवन कुमार शुक्ला के नेतृत्व में मुख्यमंत्री का पुतला फूंका। 
अध्यक्ष पवन शुक्ला ने बताया  कि बार काउंसिल के आवाहन पर अधिवक्ताओं ने प्रदेश भर में हड़ताल जारी रखा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार  हापुड़ पुलिस प्रशासन पर कोई कार्यवाही नहीं कर रहा हैं जब तक सरकार द्वारा दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही व स्थानांतरण नहीं किया जाएगा तब तक  धरना प्रदर्शन चलता रहेगा। इतना ही नहीं होना यह भी बताया कि सरकार के इशारे पर ही अधिवक्ताओं पर पुलिस द्वारा लाठी चार्ज किया गया और उल्टे अधिवक्ताओं पर मुकदमा भी दर्ज किया गया है। बर काउंसिल जो भी निर्णय लेगा इस पर हम अधिवक्ता लोग काम भी करेंगे।
सुबह 10:00 बजे से ही क्षेत्र के लोग अपने कार्यों को कराने के लिए तहसील व रजिस्ट्री कार्यालय पहुंचे लेकिन अधिवक्ताओं के आक्रोश के चलते तहसील  तथा रजिस्ट्री कार्यालय में कोई कार्य नहीं हुआ जिससे सरकार का काफी राजस्व का नुकसान भी हुआ वहीं क्षेत्र की जनता भी परेशान नजर आई।
इस मौके पर पूर्व अध्यक्ष शिवराज तिवारी, बृजेश मिश्रा, राजेन्द्र चौरसिया, महेंद्र प्रताप सिंह, अमित मिश्रा, अमरजीत सिंह, लालू तिवारी, स्वामीनाथ उपाध्याय, दयानंद पाण्डेय, अरविंद पाण्डेय ,खुशीराम पाण्डेय, अशोक श्रीवास्तव, दिनेशकांत यादव, पहलाद तिवारी, जितेंद्र सिंह, बृजेश पाण्डेय शंभू नाथ तिवारी, अभय शंकर त्रिवेदी सहित सैकड़ों अधिवक्ता मौजूद रहे।

About The Author: Swatantra Prabhat UP