कुशीनगर : पप्पेट मनोरंजक पूर्ण शिक्षा का माध्यम - मनोरमा

कुशीनगर : पप्पेट मनोरंजक पूर्ण शिक्षा का माध्यम - मनोरमा

कुशीनगर। राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद उत्तर प्रदेश लखनऊ और जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान कुशीनगर के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित परिषदीय और माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक,शिक्षिकाओं और छात्र एवं छात्राओं का जनपदस्तरीय दो दिवसीय सांस्कृतिक प्रतियोगिता कार्यक्रम का आयोजन हुआ।

कार्यक्रम में जिला गाइड कैप्टन और उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ की जिलाध्यक्ष एवम सुकरौली विकास खण्ड में सम्प्रति एoआरoपीo विज्ञान मनोरमा त्रिपाठी, जिन्होंने निपुण भारत मिशन,मतदाता जागरूकता अभियान और स्वच्छता जैसे विभिन्न राजकीय कार्यक्रम में अपनी अलग पहचान बनाई हैं, जिन्होने प्रतियोगिता में पपेट्री कला प्रदर्शन में प्रथम स्थान प्राप्त किया। उक्त प्रतियोगिता का आयोजन और संयोजन जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान कुशीनगर के आकर्षक सभागार में प्राचार्य उपशिक्षा निदेशक एवं बीएसए डाo रामजियावन मौर्य के नेतृत्व में संपूर्ण डायट कुशीनगर की टीम द्वारा बहुत ही आकर्षक और सुनियोजित ढंग से सम्पन्न किया गया। प्रतियोगिता कार्यक्रम में विभिन्न विकास खण्ड से शिक्षक, शिक्षिका, छात्र , छात्राओं की बहुत ही उत्साह के साथ प्रतिभागिता की गई। प्रतियोगिता में मुख्यतया एकल व समूह गायन, एकल व सामूहिक नृत्य कला प्रदर्शन, मूक अभिनय, नाट्य प्रस्तुति, पपेट्री कला की प्रस्तुति कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण रहे। कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले शिक्षकों में मुख्यतया अंजनी नन्दन द्विवेदी, तारिक, आलोक शाही, भगवती प्रसाद, अमिताभ पटेल, आरती मिश्रा के नाम प्रमुख हैं। निर्णायक मंडल की भूमिका में डाo कमलेश, अर्चना सिंह, प्रीति गुप्ता, शिवनाथ चक्रवर्ती, मुकेश गुप्ता की भूमिका सराहनीय रही। प्रतियोगिता कार्यक्रम में सभी प्रतिभागियों के भोजन और जलपान की व्यवस्था के साथ साथ विभिन्न संवर्ग में प्रथम, द्वितीय, तृतीय और सांत्वना पुरस्कार में प्रमाण पत्र के साथ साथ संबंधित को पुरस्कृत किया गया। लगातार तीन वर्षों से पपेट्री प्रस्तुति में जनपद स्तर पर प्रथम का गौरव प्राप्त करती मनोरमा त्रिपाठी द्वारा बताया गया कि पपेट्री कला एक ऐसा माध्यम है, जिसके माध्यम से बच्चों को मनोरंजक ढंग से किसी भी विषय की शिक्षा दी जा सकती है और इस माध्यम से दी गई शिक्षा बच्चों के मनःमस्तिष्क पर अमिट छाप छोड़ देती है। कार्यक्रम के आयोजक प्राचार्य/जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डाo रामजियावन मौर्य ने बताया कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यालयों में विभिन्न प्रतिभाओं को एक मंच पर मौका देकर निखारने के साथ साथ अपनी कला और संस्कृति का बाल्य उम्र से ही सचेतन के साथ अनुरक्षित करना है।

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