कमल को खत्म करने के लिए डाला कीटनाशक, ग्रामीणों में आक्रोश

राष्ट्रीय फूल को नष्ट करने वाले दबंग पर कार्यवाही न होने से क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म 

ग्राम पंचायत रामनगर के शेखावाटी तालाब में सैकड़ों वर्षों से कमल का फूल अनवरत खिल रहे हैं, इन फूलों के सौन्दर्य को देखने के लिए दूर दराज से लोग आते-जाते हैं।

त्रिवेदीगंज बाराबंकी।

 तहसील हैदरगढ़ क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम पंचायत रामनगर के शेखवा तालाब में सैकड़ों वर्षों से कमल का फूल खिल रहा है, किन्तु अब दबंग व्यक्ति तालाब से खत्म करने के लिए कीटनाशक डालकर अपने नापाक मंसूबे में कामयाब होना चाहता है। मछली पालन की आड़ लेकर भारत के राष्ट्रीय फूल को नष्ट करने के लिए चोरी छिपे उतारू है। जिसकी भनक जब ग्रामीणांे को हुई तो लोगों में आक्रोश फैल गया। वही राष्ट्रीय फूल को नष्ट करने वाले देशद्रोही पर कार्यवाही न होने से क्षेत्र में चर्चाओं को बाजार गर्म। 

 प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत रामनगर के शेखावाटी तालाब में सैकड़ों वर्षों से कमल का फूल अनवरत खिल रहे हैं, इन फूलों के सौन्दर्य को देखने के लिए दूर दराज से लोग आते-जाते हैं। किन्तु इस कुछ दिनों से इस तालाब के राष्ट्रीय फूल को नष्ट करने की साजिश चल रही है। जब इसकी जानकारी ग्रामीणों को हुई तो सैकड़ों ग्रामीण धरना प्रदर्शन करते हुए देशद्रोही के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने की मांग की। मालूम हो कि राम अभिलाख पट्टाधारी के द्वारा इस तालाब में गत वर्षों से मछली पालन के लिए कमल के फूल को दवा का छिड़काव करके फूल को नष्ट किया गया है l

जिसको लेकर सैकड़ों ग्रामीणों ने विरोध जताया। क्षेत्र के लोग कमल के फूल को खाने के लिए, पूजा के लिए, देवता को चढ़ाने के लिए यहां से कमल ले जाते हैं। हैरत की बात तो यह है कि जब कही फूल नहीं मिल पाता है तब भी यहां पर कमल लोगों को आसानी से मिल जाता है। कमल की वजह से पानी सूखता नहीं है, जब से इस दबंग ने दवा डाला है तब से तालाब सूखने लगा है। लोगों ने बताया कि इस पट्टा सिर्फ मछली पालन के लिए दिया गया है, लेकिन यह दबंग व्यक्ति साजिश करते हुए सरकार को बदनाम करने के लिए यह गलत कार्य कर रहा है और क्षेत्र से कमल का नामोनिशान मिटाना चाहता है, हम लोग एकजुट होकर कमल की रक्षा करेंगे, इसके लिए चाहे हम लोगों जान भी क्यों न देनी पड़े। 

 ग्रामीणों का कहना है कि इस पट्टाधारी के नाम से पट्टा को कैंसिल कराना चाहिए इसने राष्ट्रीय फूल को नष्ट किया। विरोध करने वालों में मुख्य रूप से रोहित कुमार, दिनेश कुमार, दुर्गा प्रसाद, अशोक कुमार, दया राम, राम प्रसाद, दीपक, जगत नारायण, हरिश्चंद्र, राम कुमार यादव, बसंत लाल, बद्री प्रसाद, उदय सेन, राम सागर, राम नेवल, अभिषेक गौतम, दया राम सहित सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।

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