ज्योति बनी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, चौपारण की टॉपर, आईएएस बनकर समाज के समेकित विकास के लिए करना चाहती है उत्कृष्ट सेवा कार्य

ज्योति बनी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, चौपारण की टॉपर, आईएएस बनकर समाज के समेकित विकास के लिए करना चाहती है उत्कृष्ट सेवा कार्य

ज्योति बनी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, चौपारण की टॉपर, आईएएस बनकर समाज के समेकित विकास के लिए करना चाहती है उत्कृष्ट सेवा कार्य

 

रंजन चौधरी, मीडिया प्रतिनिधि, सदर विधायक, हजारीबाग की कलम से

 

संवाददाता : हजारीबाग

 

जिन बच्चों के सिर से मां- बाप का साया उठ जाता हो वो बेसहारा हो जाते हैं। अक्सर ऐसे  बच्चों की प्रतिभा बगैर अभिभावक के कुंद हो जाती है और उनकी जिंदगी बोझ बन जाती है। लेकिन ऐसे बच्चों में दूसरे सामान्य बच्चों की तुलना में प्रतिभा निखरने का अवसर अत्यधिक होता है।

समाज के ऐसे वंचित वर्ग के बच्चों के लिए संवेदनशीलता का परिचय देते हुए हर किसी को अपनी ज़िम्मेदारी का ईमानदारीपूर्वक निर्वहन करते हुए  इनके सिर पर हाथ रखने की जरूरत है, ताकि ऐसे बच्चे भी अपने हुनर का जलवा समाज में बिखेर सकें। अपने सामाजिक और मानवीय सरोकार का निष्ठापूर्वक निर्वहन करते हुए हजारीबाग जिले के चौपारण प्रखंड के बेहरा पंचायत स्थित ग्राम गोसला निवासी अरुण  पांडेय (कृषक) ने अपनी भतीजी ज्योति के प्रतिभा को निखारने के लिए उसके लालन- पालन और पढ़ाई में सहयोग करने का सकारात्मक पहल किया। उनका यह पहल सार्थक साबित हो रहा है।

महज़ पांच साल की अल्पायु में ही अपने माता- पिता को खोने के बाद ज्योति कुमारी को लगा की उसके सपने टूट गए। लेकिन उसके बड़े पापा अरुण पांडेय ने सहयोग का बीड़ा उठाया। ज्योति ने भी दृढ़संकल्प के साथ यह ठान लिया की अथक साधना के बल  पर अपने लक्ष्य को साधना है। जीवन में कुछ बेहतर करना है। बचपन से ही मेघावी रही छात्रा ज्योति कुमारी ने झारखण्ड एकेडमी काउंसिल द्वारा ज़ारी किए गए इंटरमीडिएट के कला संकाय के परीक्षा परिणाम में 419 अंक लाकर कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, चौपारण टॉपर बनने का गौरव हासिल किया है। ज्योति के पिता स्व. बृजमोहन पांडेय और माता स्व.आशा देवी आज दुनिया में होते तो अपनी बिटिया के इस उपलब्धि पर गर्व करते।

ज्योति कुमारी ने बचपन में ही अपने माता- पिता को खोने के बाद स्थानीय सरकारी विद्यालय से पढ़ाई की फिर कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, चौपारण में दाखिला लिया। ज्योति के बड़े पापा उसके लिए फरिश्ता बनकर उसे हरसंभव मदद कर रहें हैं। ज्योति भी कम उम्र में ही समझदार हो गई और प्रतिदिन 10- 12 घंटे पढ़ाई करके स्कूल टॉपर बनी है। ज्योति का ख़्वाब ऊंचा है। वो राष्ट्र और समाज के लिए कुछ बेहतर कर गुजरने की भरपूर क्षमता के साथ मानवीय संवेदना को बढ़ाना चाहती है।

ज्योति का लक्ष्य है की आईएएस बनकर समाज को अपनी सेवा प्रदान करें। उसका सपना है की समाज के वैसे जरूरतमंद बच्चे जिनतक शिक्षा की रोशनी नहीं पंहुच पाती हैं और उनका जीवन अंधकारमय हो जाता है ऐसे बच्चों के प्रति स्नेह और दुलार का भाव रखते हुए इनके समेकित विकास के लिए हमें कुछ उत्कृष्ट कार्य करना है। ज्योति ने समाज के सक्षम और लोगों से भी अपील करते हुए आग्रह किया की ऐसे बच्चों को भी समाज में समानता का अवसर मिल सकें और उनकी प्रतिभा निखर सकें इसके लिए इन्हें हरसंभव सहयोग करें और आगे बढ़ने को प्रेरित करने में सकारात्मक भूमिका निभाएं।

About The Author

Post Comment

Comment List

आपका शहर

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel