लखनऊ का नया महा ठग "पुष्पेश जालान" कलंक कथा-1

लखनऊ का नया महा ठग

इसी बिल्डिंग में पुष्पेश जालान के दो मेडिकल स्टोर चलते थे गिन्नी मेडिकल स्टोर उसकी मां सरोज देवी जालान के नाम पर और गौरी मेडिकल स्टोर इसकी पत्नी शिखा जालान के नाम पर,

विशेष संवाददाता, लखनऊ

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इस समय ठगी का धंधा बहुत जोरों से चल रहा है, इसी क्रम में इंदिरा नगर, निकट थाना गाजीपुर, हलवासिया इनक्लेव निवासी पुष्पेश जालान एक नए महा ठग के रूप में अवतार लिया है, पुष्पेश जालान की एक बिल्डिंग 2/145, जो विजय खंड, गोमती नगर, सेंट जोजफ अस्पताल के सामने स्थित है, उक्त बिल्डिंग पुष्पेश जालान की पत्नी शिखा जालान के नाम पर है, 

case 4

इसी बिल्डिंग में पुष्पेश जालान के दो मेडिकल स्टोर चलते थे गिन्नी मेडिकल स्टोर उसकी मां सरोज देवी जालान के नाम पर और गौरी मेडिकल स्टोर इसकी पत्नी शिखा जालान के नाम पर, पुष्पेश जालान ने अपनी पत्नी शिखा जालान, अपनी मां सरोज देवी जालान और अपने भाई ऋतुराज जालान और अपने मामा नरेंद्र तुलसियान के साथ एक संगठित गिरोह बना कर लखनऊ के कई प्रतिष्ठित व्यापारियों के साथ ठगी की है, वर्ष 2018 में पुष्पेश जालान द्वारा आवासीय भवन 2/145 विजय खंड, गोमती नगर, लखनऊ दीपिका अग्रवाल से खरीदा गया

case 2

 अपनी पत्नी शिखा जालान के नाम पर, नवंबर 2018 को 3200 वर्ग फीट का,  उसी दिन ही उक्त भवन की 1600 वर्ग फीट की रजिस्ट्री गोमतीनगर निवासी कांति भूषण त्रिपाठी के नाम पर कर दी, उसके पश्चात पूरे भवन 3200 वर्ग फीट की रजिस्ट्री पर एचडीएफसी बैंक द्वारा रुपए 2.50 करोड़ का ऋण प्राप्त कर लिया, इस ऋण की एक भी किश्त पुष्पेश जालान द्वारा बैंक को नहीं दी गई है, और इस तरीके से बैंक का पूरा 2.50 करोड़ रुपया लेकर बैठ गया, बैंक से इस फ्राड में इसकी मां,पत्नी,भाई और मामा शामिल है, 

case 1

इसी तरह से पुष्पेश जालान के शातिर गिरोह ने लाखों रुपए बैंक और कांतिभूषण त्रिपाठी को ठगने के बाद, लखनऊ शहर के प्रतिष्ठित व्यापारी कमल अरोड़ा से लाखों रुपए दवा के व्यापार के नाम पर ठगे, उसके बाद इस शातिर नए महाठग बटी बबली पुष्पेश जालान और शिखा जालान ने अपना अगला शिकार एक दूसरे व्यापारी राहुल कुमार गोला को बनाया, उनसे भी दवा के व्यापार और निर्माण कार्य के लिए लाखों रुपए ठग लिए,इसके पश्चात अमीनाबाद के थोक दवा व्यवसाई राधे श्याम अग्रवाल से दवा के नाम पर लाखों रुपए ठगे, यह महाठग विश्वास जमाने के लिए लोगों को अपनी पत्नी शिखा जालान और मां सरोज देवी जालान से ब्लैंक चेक दिलवा देता था, वो चेक जब व्यापारी अपने बैंक अकाउंट में जमा करता, वो चेक बाउंस हो जाती है, 

यह इस संगठित गिरोह का ठगी का तरीका है, इसके बाद इसने एक शराब व्यवसाई संजय जायसवाल से लाखों रुपए दवा का कारोबार कराने के नाम पर ठग लिए हैं, अभी हाल में ही इसने नाबार्ड में दवा सप्लाई करने के नाम पर लखनऊ के प्रतिष्ठित व्यवसाई शोभित वैश्य से लाखों रुपए ठग लिए है, इसकी गोमती नगर स्थित इमारत अवैध है, जिसका नक्शा लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा निरस्त कर दिया गया है और इमारत अप्रैल 2022 से सील है अभी हाल में ही उक्त इमारत को जमींदोज करने का आदेश जारी कर दिया गया है, एचडीएफसी बैंक और लखनऊ के कई प्रतिष्ठित व्यापारियों को ठगने के बाद यह शातिर गिरोह अपनी इमारत बेचने के चक्कर में लोगों को फसाने में लगा है, कई व्यापारियों द्वारा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है,

 परंतु कई प्राथमिकी दर्ज करने के बाद भी पुलिस हाथ पर हाथ रखे बैठी है, इतनी ठगी करने के बाद और समुचित साक्ष्य होने के बाद भी लखनऊ पुलिस पूरे गिरोह को गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही है, यह अपने आप में आश्चर्यजनक प्रकरण है। जहां लाख दो लाख रुपए ठगने वाले लोगों को पुलिस जेल भेज रही है, वहीं करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले गिरोह का इस तरीके से खुलेआम घूमना और नित नए शिकार तलाश करना, लखनऊ पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है। यह इतना शातिर गिरोह है की इसने सीलबंद दुकान से नाबार्ड को लाखों रुपए की दवा सप्लाई कर दी, और औषधि प्रशासन सोता रहा, यह है उत्तर प्रदेश की उपयोगी सरकार में राजधानी के जिम्मेदारों की स्तिथि।

 

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