मनरेगा बजट कटौती पर भड़के राहुल गांधी, कहा मोदी सरकार कर रही गरीबों की आमदनी पर वार
स्वतंत्र प्रभात।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) केंद्र सरकार की ‘दमनकारी नीतियों' का शिकार बनती जा रही है। उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह भी कहा कि पहले मनरेगा का बजट काटना तथा फिर मानदेय को आधार से जोड़ना, गरीबों की आमदनी पर वार है। राहुल गांधी ने जिस रिपोर्ट का हवाला दिया उसमें कहा गया है कि दिल्ली में मनरेगा कर्मियों ने एप के जरिये उपस्थिति दर्ज किए जाने की व्यवस्था के विरोध में प्रदर्शन शुरू किया है।
कांग्रेस नेता ने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘मनरेगा भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की आधारशिला है। एक क्रांतिकारी नीति जिसने अनगिनत परिवारों को सहारा दिया है। करोड़ों परिवारों का घर चला रही मनरेगा योजना केन्द्र की दमनकारी नीतियों का शिकार बनती जा रही है।'' उन्होंने दावा किया, ‘‘पहले मनरेगा का बजट काटना, और अब वेतन को आधार से जोड़ना – ये दोनों ग़रीबों की आमदनी पर वार है।''
राहुल गांधी ने आरोप लगाया, ‘‘संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार की आधार कार्ड के प्रति सोच थी, लोगों को सहूलियत देने की, पहचान की और आर्थिक सुरक्षा देने की। लेकिन मौजूदा सरकार न सिर्फ इस सोच का दुरुपयोग कर रही है, बल्कि इसका इस्तेमाल ग़रीब तबके के विरुद्ध कर रही है।'' उन्होंने यह दावा भी किया, ‘‘न आधार का सही रूप से संचार हुआ, न सही सुरक्षा की व्यवस्था की गई।
Read More Highway Milestone: सड़क किनारे क्यों लगे होते हैं अलग-अलग रंग के माइलस्टोन? जानें क्या है इनका मतलबआधार कार्ड को मनरेगा के लिए अनिवार्य बना देने से 57 प्रतिशत ग्रामीण मज़दूरों को दिहाड़ी में नुकसान होगा।'' उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया, ‘‘ नए रोज़गार देने की इनके पास कोई नीति नहीं है। बस लोगों का रोज़गार छीनना और ग़रीबों को उनके हक़ का पैसा मिलने में अड़चनें पैदा करना ही इस सरकार की नीयत बन गई है। न नई सोच, न कोई योजना बस एक नीति, ग़रीबों की प्रताड़ना।''

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