पाकिस्तान फिर कंगाल ! देश के पास बचा 21 दिन गुज़ारने का पैसा, ऐसे स्तिथि में सऊदी प्रिंस ने थामा हाथ 

पाकिस्तान फिर कंगाल ! देश के पास बचा 21 दिन गुज़ारने का पैसा, ऐसे स्तिथि में सऊदी प्रिंस ने थामा हाथ 

स्वतंत्र प्रभात 

दिवालिया हो चुके पाकिस्तान पर  मुसीबतों का पहाड़ टूटने वाला है। पाकिस्तान एक बार फिर से डिफॉल्ट होने की कगार पर पहुंच गया है। वहां विदेशी मुद्रा भंडार 5 अरब डॉलर से भी नीचे पहुंच गया है इसलिए वहां की अर्थव्यवस्था और पाकिस्तान के लोगों की मदद के लिए सऊदी की सरकार ने  बड़ा कदम उठाया है। पाकिस्तान के लिए सऊदी अरब ने एक बार फिर मदद का हाथ बढ़ाया है। सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने पाकिस्तान में अपना निवेश बढ़ाकर 10 अरब डॉलर तक करने का ऐलान किया है।

सऊदी की सरकारी न्यूज एजेंसी के मुताबिक क्राउन प्रिंस ने सऊदी के विकास कोष को पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक में सऊदी की जमा रकम को बढ़ाकर पांच अरब डॉलर तक करने पर भी स्टडी करने के लिए कहा है। सऊदी प्रेस एजेंसी ने मंगलवार को बताया कि प्रिंस मोहम्मद का यह निर्देश पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और उसके लोगों की मदद के लिए दिया है।  पाकिस्तान में इससे पहले अगस्त 2022 में भी निवेश की घोषणा की गई थी  इसके बाद दिसंबर में भी केंद्रीय बैंक में सऊदी अरब की तरफ से जमा नकद को बढ़ाया गया था।

पाकिस्तान को कई बार शरण दे चूका है सऊदी अरब 
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सऊदी अरब से कुछ दिनों में पैसे मिलेंगे। यह कोई पहली बार नहीं है जब सऊदी अरब पाकिस्तान को डिफॉल्ट होने से बचाने की कोशिश कर रहा है बल्कि अतीत में वह ऐसा कई बार कर चुका है। पाकिस्तान लंबे वक्त से सऊदी की ओर से मदद का इंतजार कर रहा था। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ एक साल में दो बार सऊदी अरब का दौरा कर चुके हैं । हाल ही में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने भी सऊदी अरब दौरा किया है और इन दौरों का मकसद सऊदी अरब से आर्थिक मदद हासिल करना ही था।

पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार का हाल बेहाल 
बता दें कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले हफ्ते पांच अरब डॉलर के करीब पहुंच गया था जिससे मुश्किल से उसका एक महीने के आयात बिल का भुगतान ही हो पाता। इसके अलावा पाकिस्तान पर विदेशी कर्जों की देनदारी भी है और समय पर उसे नहीं चुकाने से डिफॉल्ट होने की आशंका है। विदेशी मुद्रा भंडार की भारी कमी की वजह से पाकिस्तान सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है। उसकी अर्थव्यवस्था गुजरते दिन के साथ बदतर होती जा रही है और वहां के लोगों को मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं। पाकिस्तान के मुद्रा भंडार में 6.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर की गिरावट आई है। चीन की ओर से भी निवेश कम करने की वजह से अर्थव्यवस्था लड़खड़ाई है।  पाकिस्तान में कर्मचारियों को वेतन भी समय से नहीं मिल पा रहे हैं। यहां तक कि सरकार विदेशों में अपनी संपत्तियां बेचकर पैसा जुटा रही है।

 

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