स्वतंत्र प्रभात
बाराबंकी सिरौलीगौसपुर। ग्राम पंचायत मरकामऊ में करोड़ों की लागत से सरकार के द्वारा पानी टंकी का प्रोजेक्ट आया लेकिन सरकारी धन का बंदरबांट करते हुए पानी टंकी बनाई गई लेकिन ग्रामीणों के घर तक नहीं पहुंचा पानी। सरकारी धन का हुआ बंदरबांट सरकार के द्वारा पेयजल योजना के अंतर्गत करोड़ों की लागत का प्रोजेक्ट तो दिया गया लेकिन अधिकारी कर्मचारियों की मिलीभगत से ठेकेदार ने करोड़ों की लागत के प्रोजेक्ट को सरकारी धन का बंदरबांट करते हुए प्रोजेक्ट को खंभे पर खड़ा तो कर दिया लेकिन एक नजर से देखा जाए तो करोड़ों की लागत से बनी पानी टंकी शोपीस साबित हुई,
क्योंकि आधी ग्राम पंचायत में पानी जाता है तो आधी ग्राम पंचायत के लोग पेयजल व्यवस्था से वंचित रह जाते है। ग्रामीणों ने इसकी मौखिक शिकायत ठेकेदार से लेकर हेड ऑफिस बाराबंकी तक की लेकिन नहीं हुई सुनवाई। जहां योगी सरकार हर एक की समस्या को जनसभा लगाकर सुनते हैं तो वही योगी सरकार की जनता दरबार की मुहिम को पलीता लगाते हैं अधिकारी कर्मचारी जहां पर ठेकेदार के द्वारा रास्ते की खुदाई कर पाइप लाइन डाली गई वहां भी ठीक तरीके से रास्ते का निर्माण नहीं किया गया जबकि पानी टंकी के प्रोजेक्ट में पाइप लाइन डालने से लेकर रास्ते का पुनर्निर्माण करवाने तक का बजट देती है
सरकार लेकिन मानक की अनदेखी करते हुए सरकार के आदेशों को पलीता लगाते हुए ठेकेदार ने पानी टंकी का निर्माण कराया और तो और कहीं-कहीं तो पाइपलाइन ही नहीं पड़ी जिससे ग्रामीणों को पेयजल व्यवस्था में असुविधा हो रही है। जहां पाइपलाइन पड़ी भी वहां पर सस्ते पाइप डालकर सिर्फ और सिर्फ कोरम पूरा किया गया। आज यह दशा है कि जगह जगह पाइपलाइन फटी हुई है जिसका पानी रोड़ों पर तेजी से बहता है और पानी एकत्रित होकर डेंगू जैसी भीषण बीमारी को दावत देता है इसी पानी टंकी के पीछे करोड़ों की लागत से दूसरा प्रोजेक्ट पावर प्लांट बन रहा है
जिसका निरीक्षण करने के लिए उप जिला अधिकारी से लेकर तहसीलदार और ना जाने कितने अधिकारी कर्मचारी आए दिन आते रहते हैं लेकिन सरकार के द्वारा करोड़ों खर्च किए गए प्रोजेक्ट पर उनकी नजर आज तक नहीं पड़ी ना ही कोई अधिकारी कर्मचारी इस विषय की जानकारी लिया खबर को लिखने से पहले इस विषय पर जब सिरौलीगौसपुर उप जिला अधिकारी प्रिया सिंह को फोन लगाया गया तो फोन नेटवर्क क्षेत्र से बाहर बताया कई बार कॉल की गई लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।