पीलीभीत तीन साल से धूल फांक रहे हैं जिला अस्पताल के वेंटीलेटर

स्वतंत्र प्रभात 
 
पीलीभीत। सूबे की योगी सरकार ने जिले की स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर करने के लिए 2020 में जिला अस्पताल के कोविड- बिंग मे 22 वेंटीलेटर उपलब्ध कराए गए थे 3 साल बीतने के बाद भी वेंटीलेटर का उपयोग नहीं किया जा सका है जिसमें वह धूल फांक रहे हैं आईसीयू वार्ड बंद होने से गंभीर मरीज रेफर किए जा रहे हैं कोबिट कल के दौरान जरूरत के हिसाब से जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया गया था कोरोना के मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए जिला अस्पताल में कोबिड बिंग बनाया गया था दूसरी लहर में हालत बिगड़ने के बाद मौतों का आंकड़ा भी बड़ा था शासन के निर्देश के बाद विधायकों के सहयोग से वेंटिलेटर की व्यवस्था कराई गई थी गंभीर मरीजों को बेहतर सुविधा देने के उद्देश्य 22 वेंटीलेटर उपलब्ध कराए गए लेकिन एबी वेंटीलेटर का उपयोग नहीं हो सका शुरुआत में ऑपरेटर की कमी आई इसके बाद जिला अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया लेकिन वेंटीलेटर को फिट नहीं किया जा सका अब 3 साल बीतने के बाद वेंटिलेटर बिना उपयोग के ही धूल फांक रहे हैं कोविड-19 कक्ष में ही बेंटी लेटर का स्टॉक पड़ा है
 
दमा के मरीजों को पड़ रही है वेंटीलेटर की जरूरत
सर्दी के मौसम में दमा के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है जिला अस्पताल में ओपीडी से लेकर वार्ड तक वायरस बुखार के साथ दमा के मरीज भी उपचार कराने आ रहे हैं ऐसे में कई गंभीर मरीजों को आईसीयू में ऑक्सीजन के बाद वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत भी पड़ सकती है लेकिन आईसीयू बंद होने की वजह से गंभीर मरीजों को तीमारदार हायर सेंटर ले जाने को मजबूर हैं।
 
आईसीयू वार्ड में वेंटिलेटर कि जल्द ही व्यवस्था की जाएगी इसको लेकर सीएमएस से पत्राचार किया जा रहा है डॉक्टर आलोक कुमार सीएमओ पीलीभीत।

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