साहब मिलावटी खाने के बाद अब बीआईपी ट्रेनों में बिक रहा मिलावटी पानी हो जाएं सावधान

आखिर कैसे पहुंचता है मिलावटी पानी रेल प्रशासन पर उठ रहा बड़ा सवाल कहीं रेल कर्मचारियों की मिलीभगत से तो नहीं हो रहा खेल जांच होगी तो खुलेगा राज

साहब मिलावटी खाने के बाद अब बीआईपी ट्रेनों में बिक रहा मिलावटी पानी हो जाएं सावधान

स्वतंत्र प्रभात 
 

गोंडा। रेलवे स्टेशनों पर दूषित खाद्य सामग्री की बिक्री रोकने के लिए भले ही रेलवे प्रशासन लगातार अभियान चला रहा है, लेकिन मिलावटखोरों का जाल अब वीआईपी ट्रेनों तक फैलता जा रहा है। इन ट्रेनों में यात्रियों को दूषित खाद्य सामग्री के साथ मिलावटी पानी बेचा जा रहा है। पिछले माह आम्रपाली एक्सप्रेस, गोरखधाम, बांद्रा समेत आठ ट्रेनों में ढाई हजार से अधिक पानी की बोतलें पकड़ी जा चुकी हैं। जबकि ट्रेनों में केवल रेलवे नीर ही बिकना चाहिए। रेल प्रशासन पर उठ रहा सवाल आखिर कैसे पहुंचता है ट्रेन के अंदर दूषित खाद्य सामग्री रेल प्रशासन कर रहा यात्रियों की जान के साथ खिलवाड़ इससे साफ जाहिर हो रहा है कि रेलवे कर्मियों की मिलीभगत से ही बिक रहा ट्रेनों पर दूषित खाद्य सामग्री व पानी।

रेलवे कर्मियों की मिलीभगत से बिक रहा मिलावटी पानी

एक ट्रेन में 500 किलोमीटर के बीच 500 से 700 लीटर पानी की बोतलों की खपत रहती है। मिलावटी पानी का कारोबार करने वाले लोग कुछ रेलकर्मियों की मिलीभगत से लोकल ब्रांड के पानी गत्ते को विभिन्न ट्रेनों की डिब्बों में रखवा दिया जाता है। जिन्हें रास्ते में यात्रियों को बेच दिया जाता है। खास बात यह है कि चेकिंग के दौरान लोकल ब्रांड के पानी के गत्ते तो पकड़े जाते हैं। लेकिन इसकी बिक्री करने वाले फरार हो जाते हैंं।ट्रेनों में पानी कौन रखवा रहा है और कौन इसकी बिक्री करवा रहा है। यह रहस्य अब भी बरकरार है। प्लेटफार्म निरीक्षक केएल यादव ने बताया कि लाेकल पानी की बिक्री की सूचना मिलते ही स्टेशन पर रुकने वाली ट्रेनों में तलाशी अभियान चलाया जाता है। उनमें रखे पानी के गत्ते को उतरवाकर उसे नष्ट करा दिया जाता है। चेकिंग की सूचना मिलते ही पानी बेचने वाले फरार हो जाते हैं।

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