अमरोहा से भी रहा नेताजी मुलायम सिंह यादव का खास जुड़ाव
मुलायम सिंह यादव जिला अमरोहा के गांव पपसरा निवासी स्वर्गीय चंद्रपाल सिंह के बेहद करीबी माने जाते हैं। सन् 1989 में मुलायम सिंह यादव पहली बार मुख्यमंत्री बने थे
बीते सोमवार सुबह नेताजी और धरती पुत्र के नाम से जाने जाने वाले जननेता समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। इस गमगीन माहौल में हर कोई नेताजी से जुड़ी याद साझा कर रहा है। इसी कड़ी में अमरोहा से भी उनकी कई यादें जुड़ी हैं।
अमरोहा के गजरौला को एक गांव से नगरपालिका बनाने और औद्योगिक नगरी में तब्दील करने का श्रेय मुलायम सिंह यादव को ही जाता है। रमाशंकर कौशिक के निवेदन पर ही सन् 1980 के दशक में गजरौला को औद्योगिक नगरी घोषित किया गया था। सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के घनिष्ठ सहयोगी रहे स्वर्गीय रमाशंकर कौशिक प्रदेश स्तर की राजनीति में काफी समय तक एक प्रभावशाली भूमिका में रहे। इनके प्रयासों से यहां औद्योगिक इकाइयां लगती गईं।
मुलायम सिंह यादव जिला अमरोहा के गांव पपसरा निवासी स्वर्गीय चंद्रपाल सिंह के बेहद करीबी माने जाते हैं। सन् 1989 में मुलायम सिंह यादव पहली बार मुख्यमंत्री बने थे तो वह पूर्व कैबिनेट मंत्री चंद्रपाल सिंह से मिलने उनके गांव पपसरा पहुंचे थे। एक और किस्सा जब 2015 में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव की कुर्सी पर काबिज होने के लिए कैबिनेट मंत्री महबूब अली और पूर्व कैबिनेट मंत्री चौधरी चंद्रपाल सिंह के बीच खींचतान चल रही थी
तब भी नेताजी ने महबूब अली की पत्नी सकीना बेगम का टिकट काटते हुए चंद्रपाल सिंह की पुत्रवधू रेनू चौधरी को सपा प्रत्याशी घोषित किया था। उस समय चंद्रपाल सिंह के साथ कैबिनेट मंत्री कमाल अख्तर, विधायक अशफाक अली और पूर्व सांसद देवेंद्र नागपाल समर्थन में थे। नेताजी के साथ उनके रिश्ते तबसे खास हुए जबसे 1989 में लोकदल से उन्हें अमरोहा लोकसभा सीट से टिकट नसीब नहीं हुआ, तब मुलायम सिंह यादव ने कांठ विधानसभा सीट से उन्हें टिकट दिलवाया जिसमें चंद्रपाल सिंह के जीते और नेताजी के पसंदीदा बन गए थे।
वहीं कई सरकारों के मंत्रालयों में अहम स्थान रखने वाला जनपद अमरोहा इस बार योगी सरकार 2.0 में अपना स्थान नहीं बना पाया लेकिन समाजवादी सरकार में अमरोहा का दबदबा सर्वाधिक कायम रहा। रमाशंकर कौशिक, चौधरी चंद्रपाल सिंह, महबूब अली के अलावा कमाल अख्तर आदि ने कई मंत्री पदों को सुशोभित किया। कमाल अख्तर की राजनीति में एंट्री खुद समाजवादी पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने ही कराई थी। मुलायम सिंह ने कमाल अख्तर को समाजवादी युवजन सभा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर साल 2004 में सीधे राज्यसभा भेजा था। कमाल अख्तर के लिए यह उनकी कम उम्र में बड़ी उपलब्धि थी।
(प्रत्यक्ष मिश्रा अमरोहा स्थित स्वतंत्र पत्रकार हैं। लेखक राजनीतिक मुद्दों पर लिखते हैं)
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