बाहर से आये श्रमिकों के सामने एक ओर कुंआ तो दूसरी ओर खाई: सीएल वर्मा-

बाहर से आये श्रमिकों के सामने एक ओर कुंआ तो दूसरी ओर खाई: सीएल वर्मा-

लखनऊ।समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहनलालगंज लोकसभा के पूर्व प्रत्याशी सीएल वर्मा ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार का यह चौथा वर्ष है लेकिन इस अवधि में राज्य में न तो एक उद्योग लगा न एक यूनिट बिजली का उत्पादन हुआ और नहीं नौजवानों के लिए रोजगार के अवसर सृजित हुए।बाहर से

लखनऊ।समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहनलालगंज लोकसभा के पूर्व प्रत्याशी सीएल वर्मा ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार का यह चौथा वर्ष है लेकिन इस अवधि में राज्य में न तो एक उद्योग लगा न एक यूनिट बिजली का उत्पादन

हुआ और नहीं नौजवानों के लिए रोजगार के अवसर सृजित हुए।बाहर से आए श्रमिकों के सामने एक ओर कुआं तो दूसरी ओर खाईं की स्थिति है।सीएल वर्मा सोमवार को रोज की भांति सेवा के आखिर दिन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश

यादव के निर्देश पर कार्यकर्ताओं के साथ मलिहाबाद विधानसभा क्षेत्र के आगरा एक्सप्रेस वे,काकोरी,दुर्गागंज,ससपन,थावर,ऊंचाहार, अमानीगंज,भाईदास खेड़ा,रहटा,सैफलपुर,मिर्जापुर,गुलरहिया,शिवपुरी,रहीमाबाद,नटखेड़ा आदि जगहों पर कैम्प लगाकर राहत सामग्री वितरण करते हुए व्यक्त किये।उन्होंने कहा कि प्रदेश के 69000 युवा अभ्यर्थी बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापकों के पद पर

भर्ती की आस लगाए थे।एक लाख पैंतालिस हजार उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की कांउसिलिंग भी शुरू हो गई थी।उच्च न्यायालय को इन भर्तियों में कुछ अनियमितताओं और आरक्षण की अवहेलना की शिकायतें मिली।कुछ प्रश्नों और उनके उत्तरों पर भी विवाद

रहा।यह स्पष्ट रूप से राज्य सरकार और बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा घोर लापरवाही और पारदर्शिता न बरतने का मामला है।हजारों नौजवानों की जिंदगी से इस खिलवाड के लिए मुख्यमंत्री जी को सार्वजनिक क्षमा याचना करनी चाहिए।पुलिस की जांच

पड़ताल में भर्ती घोटाले में शामिल एक पूरे गैंग का पता चला है।इनमें अधिवक्ता,स्कूल प्रबन्धक भी है।लाखों रूपए देकर पास हुए दो अभ्यर्थी भी पकड़े गए।जो सामान्य प्रश्नों के उत्तर भी नहीं जानते हैं।जबकि उन्हें अधिकतम अंक मिले थे।ऐसे ही मामले

पुलिस भर्ती,शिक्षामित्र भर्ती तथा अन्य भर्तियों में भी सामने आ चुके हैं।पेपर आउट करने से लेकर उसे हल कराकर लाखों रूपये में बिक्री करने का काम करने वाले घोटालेबाज बिना भाजपा सरकार के संरक्षण के कैसे इतने बड़े काण्ड कर सकते है?

भ्रष्टाचार के मामले में भाजपा सरकार का जीरो टाॅलरेन्स का क्या हुआ?वैसे भाजपा सरकार के कार्यकाल में सन् 2017 के बाद से चार-चार भर्तियां अदालतों में लटकी पड़ी हैं। अधीनस्थ चयन बोर्ड नियमानुकूल न तो परीक्षाएं करा पाते हैं और नहीं

आरक्षण जैसी व्यवस्थाओं का पालन कराने में रूचि लेते हैं। अधिकारी अपनी मनमर्जी से आरक्षण और परीक्षाओं में फेरबदल करते रहते हैं।सच तो है कि भाजपा सरकार सपने चाहे जितने दिखाए प्रदेश में किसी को रोजगार देने की स्थिति में नहीं है।

प्रदेश में उद्योग धंधे बंद हो रहे हैं इन्वेस्टर्स मीट के लम्बे चैड़े दावों के बावजूद एक भी उद्यमी का एमओयू जमीन पर नहीं उतर सका है।इसलिए भाजपा सरकार भर्तियां निकालती है फिर पेपरलीक या दूसरी शिकायतों के बहाने अदालतों के निर्णयों का

सहारा लेकर चुप बैठ जाती है।बहकाने के लिए भर्तियों का ऐलान और फिर उनका स्थगित हो जाना,भाजपा इसी साजिश से अपने दिन पूरे करना चाहती है।उसके रहते नौजवानों के भविष्य में कोई आशा किरण नहीं पैदा हो सकती है।छोटे-छोटे मामलों

में ईडी, सीबीआई राजनीतिक नेताओं को फंसाने की साज़िश करती रहती है। बिना साक्ष्य के भी उन्हें परेशान किया जाता है। भाजपा का विपक्ष के प्रति वैसे भी विद्वेषपूर्ण आचरण रहा है।इस मौके पर वरिष्ठ सपा नेता वासुदेव सिंह यादव,अभय मुलायम

सिंह यादव,टीबी सिंह,नजमी खाँ,छविलाल रावत,नन्दू विश्वकर्मा,मोहम्मद शरीफ,ललित यादव,अमन,दिनेश सविता,पन्नालाल रावत,वीरेंद्र सिंह यादव जौरिया,सन्तोष यादव,सन्दीप यादव,छोटेलाल कश्यप,मोहम्मद इब्राहिम मंसूरी,हरिशंकर यादव,राहुल सिंह आदि उपस्थित रहे।

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