नेशनल अवार्ड से सम्मानित बीईओ की स्मार्ट स्कूलिंग व्यवस्था का चमत्कार,

नेशनल अवार्ड से सम्मानित बीईओ की स्मार्ट स्कूलिंग व्यवस्था का चमत्कार,

त्रिवेदीगंज विकाश खंड में प्राइवेट स्कूलों से नाम कटा कर अभिभावक सरकारी स्कूलों में लिखा रहे अपने बच्चो के नाम


 


त्रिवेदीगंज बाराबंकी - 

कभी शिक्षा में पिछड़ा ब्लॉक कहा जाने वाला त्रिवेदीगंज विकास खंड आज शिक्षा के मामले में जिले के अग्रणी विकास खंडों में अपनी पहचान बना चुका है। यहां शिक्षा व्यवस्था में निरंतर व्यापक सुधार देखने को मिल रहा है। यह हम नहीं कह रहे है बल्कि आंकड़े बता रहे है। जहां गत वर्ष विकास खंड त्रिवेदीगंज के 184 स्कूलों में बच्चों की संख्या 22680 थी। वहीं इस शैक्षिक सत्र में यह संख्या बढ़कर 25990 हो गयी है। सरकारी स्कूलों में पढाई का माहौल अब ग्रामीणों की जुबान है।जिसका परिणाम ग्रामीण अभिभावक जिनके बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ते थे उनमें से तमाम अभिभावकों ने प्राइवेट स्कूलों से अपने बच्चों के नाम कटाकर सरकारी स्कूलों में लिखा लिये है। अभिभावकों से जब इस मामले पर बात की गई तो कई अभिभावकों का सीधा यही जबाव रहा कि अब सरकारी स्कूलों में प्राइवेट स्कूलों से बेहतर पढ़ाई होने लगी है। सरकारी स्कूलों में सुयोग्य शिक्षक और शिक्षिकाएं शिक्षा दे रही है। इसके मुकाबले में प्राइवेट स्कूलों में इतने योग्य शिक्षक शायद ही गिने चुने स्कूलों में हो।

*नवोदय विद्यालय चयन प्रवेश परीक्षा पर दिया जा रहा है विशेष ध्यान*

नवोदय विद्यालय जैसी कठिन प्रतियोगी परीक्षा में जहाँ परिषदीय स्कूलों के छात्रों का चयन बड़ी चुनौती थी वहीं अब बीईओ के कुशल मार्गदर्शन में विकास खंड के परिषदीय स्कूलों के छात्र नवोदय प्रवेश परीक्षा सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में चयनित हो रहे है। प्राथमिक विद्यालय खैराबीरू कबूलपुर के छात्र नवोदय में चयनित होकर विकास खण्ड के अन्य छात्रों के लिये रोल मॉडल बन चुके है। बीईओ आर पी यादव बताते है कि अभी तक स्कूलों में कुछ ही बच्चों के नवोदय में फॉर्म भरवाये जाते थे लेकिन इस बार उनका प्रयास रहेगा कि पात्रता रखने वाला प्रत्येक बच्चा नवोदय की परीक्षा में बैठ सके और छात्रों को विषय विशेषज्ञ शिक्षकों के द्वारा नवोदय की तैयारी करने की विशेष रणनीति बनाई गयी है जिससे इस बार अधिक बेहतर परिणाम देखने को मिल सके।

*शिक्षा में सुधार की क्या है रणनीति जिससे शिक्षा में हो रहा है व्यापक सुधार*

बीईओ आरपी यादव की स्मार्ट स्कूलिंग रणनीति से शिक्षा की गुणवत्ता में व्यापक सुधार हो रहा है। बीईओ आरपी यादव के कुशल नेतृत्व और विकास खंड के शिक्षकों की कर्मठता से त्रिवेदीगंज विकास खंड की शिक्षा में हुए व्यापक सुधार को जानने के लिये संवाददाता ने आज कई परिषदीय स्कूलों का भ्रमण किया। विकास खंड त्रिवेदीगंज में प्राथमिक , जूनियर और कंपोजिट स्कूल मिलाकर करीब 184 स्कूल बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित है। विद्यालयों में स्वच्छ और शैक्षिक वातावरण का माहौल देखने को मिला। शिक्षक और शिक्षिकाएं समय सारणी के अनुसार कक्षाओं में शिक्षणरत दिखे।शिक्षक और शिक्षिकाओं की कर्मठता देखने से ही अंदाजा लग गया कि यहां के खण्ड शिक्षा अधिकारी, शिक्षक और शिक्षिकाओं को कुशल नेतृत्व प्रदान कर रहे है। बीईओ आर पी यादव ने अपनी स्मार्ट स्कूलिंग रणनीति को मीडिया से साझा करते हुए बताया कि उनका हर सम्भव प्रयास है कि विकास खण्ड की शिक्षा व्यवस्था में सुधार दिखे। बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले और बच्चों का चयन प्रतियोगी परीक्षाओं में रिजल्ट के रूप में सामने आए , इसके लिये स्मार्ट स्कूलिंग कार्यक्रम चलाया जा रहा है। छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिये छात्रों को विज्ञान के प्रयोग शिक्षक और शिक्षिकाओं द्वारा करवाये जाते है। छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिये तैयार किया जा रहा है।

*क्विज में विकास खण्ड जिले में प्रथम और प्रदेश में रहा तीसरे स्थान पर*

बीईओ आर पी यादव ने बताया कि मिशन प्रेरणा के अंतर्गत ई. पाठशाला क्विज में त्रिवेदीगंज विकास खंड निचले पायदान से जनपद में सर्वोच्च स्थान पर पहुंच गया है और प्रदेश में तीसरे स्थान पर है। वहीं रीड अलोंग एप , प्रेरणा लक्ष्य ऐप , दीक्षा ऐप के प्रयोग में क्षेत्र अग्रणी भूमिका में आ गया है।

*एआरपी और संकुल शिक्षक कर रहे है कुशल मार्गदर्शन*

मिशन प्रेरणा के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये विकास खण्ड के सभी एआरपी और संकुल शिक्षक लगातार शिक्षकों का सपोर्ट रहे है। जहां पर किसी शिक्षक को कोई कठिनाई आती है विकास खण्ड की सपोर्टिव टीम उसे दूर करने का प्रयास करती है। मध्यान्ह भोजन प्रबंधन व्यवस्था सहित अन्य सभी पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

*शैक्षिक नवाचार के तहत बच्चों का मनाया जाता है जन्मदिन*

स्कूल में बेहतर शिक्षा सहित शैक्षिक वातावरण भी बेहतर बने और बच्चों को स्कूल घर जैसा लगने लगे , इसके लिये शैक्षिक नवाचार के तहत बच्चों के जन्मदिवस को विद्यालय में हर्षोल्लास से मनाया जाता है। बच्चों को पढ़ने और आगे बढ़ने के लिये प्रेरित किया जाता है।
 

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