पूर्वांचल के एन एच 29 की गोरखपुर से बड़हलगंज की दूरी महज 60 किमी,

पूर्वांचल के एन एच 29 की गोरखपुर से बड़हलगंज की दूरी महज 60 किमी,

यात्रा में लगते चार घंटे; प्रोजेक्ट दो वर्ष लेट 


स्वतंत्र प्रभात 
 

एन अंसारी 

बाँसगांव - गोरखपुर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग का सफर दुश्वारी भरा है। NHAI की परियोजना अपने निर्धारित समय से दो साल से ज्यादा लेट चल रही है। बड़हलगंज से गोरखपुर की दूरी सिर्फ 60 किमी है, लेकिन इस सफर में लगते 4 घंटे हैं। NH 29 की बदहाली का जायजा भास्कर टीम ने लिया।

CM योगी आदित्यनाथ की सरकार में सड़कों को सुधारना प्रायोरिटी पर रहा। PMO भी देशभर की सड़कों पर निगरानी रख रहा है। समीक्षा रिपोर्ट तैयार हो रही है कि यूपी विधानसभा चुनाव से पहले कितने किमी सड़कें सुधारी जा चुकी हैं। ऐसे में वाराणसी से गोरखपुर के लिए जाने वाले हाईवे की दुर्दशा कुछ और ही कहानी कहती है।

गोरखपुर जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर बेलीपार चौराहे पर बदहाल साइड लेन।  25 किलोमीटर की दूरी पर कसिहार और कसिहार से कौड़ीराम की दूरी महज 5 किलोमीटर है । कौड़ीराम से बड़हलगंज की दूरी 30 किलोमीटर है , राहगिरों का सफर तय करने में पसीने छूट जाते हैं । धूल और गढ्डों का सामना करते हुए । 

नितिन गडकरी ने रखी थी राजमार्ग की आधार-शिला


सितंबर 2016 में इस राष्ट्रीय राजमार्ग की आधार शिला सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने रखी थी। उस समय योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से सांसद हुआ करते थे। इसे 2019 में पूरा करने का निर्देश भी था। सड़कों के निर्माण में किस तरह से लापरवाही बरती जा रही है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 4 वर्ष बीत जाने के बाद भी यह प्रोजेक्ट अधूरा पड़ा है।

देश के केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सितम्बर 2016 में किया था। इस राजमार्ग का शुभारंभ, कुछ इस तरह से हो रहा निर्माण कार्य। देश के केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सितम्बर 2016 में किया था।  इस राजमार्ग का शुभारंभ, कुछ इस तरह से हो रहा निर्माण कार्य।

 एनएचएआई के अधिकारियों के मुताबिक अब नई डेटलाइन दिसंबर 2021 तय की गई है। अधूरे हाईवे पर सिर्फ 43 फीसदी ही निर्माण पूरे कराए गए हैं। यह हाईवे गोरखपुर से आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, बलिया, जौनपुर और वाराणसी सहित कई जिलों को आपस में जोड़ती है। बड़हलगंज से गोरखपुर की 60 किमी की दूरी की सड़क देखी। जिसमें जगह-जगह गड्‌ढे और सड़क उखड़ी हुई मिली। बारिश में हालात और बिगड़ जाते हैं।


हर दिन एक लाख से अधिक लोग करते है हाईवे का इस्तेमाल

चूंकि हाईवे को हर रोज एक लाख से अधिक लोग इस्तेमाल करते हैं, इसलिए चार पहिया और दो पहिया वाहनों को हाईवे पर चलाना, जान का जोखिम लेने जैसा है। यह स्थिति तब है, जब सड़क निर्माण व प्रगति की समीक्षा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार कर रहे हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग पर सर्विस रोड पर जगह-जगह पानी भरने की वजह से यात्रियों को दिक्कत उठानी पड़ती है। बदहाली के कारण ये सड़कें दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र बन चुकी हैं।

लोग पूछ रहे हैं : आखिर कब सुधरेगा हाईवे

टेंपो चालकों के मुताबिक गोरखपुर से बड़हलगंज के सफर में 4 घंटे से अधिक का समय लगता है। बारिश के दिनों में यहां पर जलभराव हो जाता है। इससे गाड़ियां दुर्घटनाग्रस्त हो जाती हैं।


बाइक से जा रहे सुभाष का कहना है कि बारिश के कारण यहां पर जलभराव हो जाता है। CM का क्षेत्र होने के नाते जिस तरह से लापरवाही से काम हो रहा है। उससे लगता है कि निर्माण पूरा होने में अभी और समय लगेगा।

राहगीर सोहन लाल मद्धेशिया का कहना है कि 3 साल से यह सड़क बदहाल है। आज तक चलने लायक नहीं हुई है। सड़क से लेकर सर्विस लेन तक पानी भरा है। इससे लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।


जेपी प्रोजेक्ट मैनेजर ने कहा दिसंबर 2021 नहीं, मार्च 2022 तक पूरा करेंगे ।


पत्रकारों से बातचीत करते हुए जेपी के प्रोजेक्ट मैनेजर राजीव शर्मा का कहना है कि यहां निर्माण 2019 में पूरा हो जाना था। कोविड संक्रमण फैलने के बाद निर्माण लेट हुए। दिसंबर 2021 में पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है, पर हम लोग इसे मार्च 2022 तक पूरा कर लेंगे।
 

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