अधिवक्ता ने की अधिवक्ता की हत्या, पुलिस ने सुरेश गुप्ता सहित तीन लोगों को किया गिरफ्तार।
एडीजी अविनाश चंद्र के आदेश पर पुलिस अधीक्षक एस आनंद ने 4 घंटे के अंदर खुलासा कर चार लोगों को किया गिरफ्तार।
स्वतंत्र प्रभात
शाहजहाँपुर । थाना व सदर बाजार के क्षेत्र में कचहरी परिसर में तीन मंजिल पर ए सीजीएम प्रथम का कार्यालय है जहां पर अधिवक्ता की गोली मारकर हत्या कर दी जिस पर तमाम अधिवक्ताओं ने इकट्ठा होकर कचहरी गेट पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया जिस पर एडीजी अविनाश चंद्र ने सख्त निर्देश देते हुए खुलासा करने का आदेश दिया जिस पर पुलिस अधीक्षक एस आनंद ने 4 घंटे के अंदर चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया ।
आज घटी घटना की गूंज पूरे देश मे सुनाई पड़ रही है। मरने वाले भी साठ साल के ऊपर के बुजुर्ग अधिवक्ता और मारने वाली भी बुजुर्ग।आरोपी का कहना है उनपर 24 झूठे मुकद्दमे लगाए गए थे,अगर वो बन्द करवाते तो नया मुकद्दमा शुरु हो जाता।आरोपी द्वारा भी अनेक मुकद्दमे दिवंगत वकील पर लगाये गए थे।
यद्यपि हिंसा का कोई प्रतिकार नही और हिंसा हिंसा को ही जन्म देती है किंतु न्यायालय की लचर प्रक्रिया और व्यवस्था के छेदों का परिणाम कितना कटु हो सकता है यह देखने मे आ गया।यह तो वकीलों का मामला था,जनसामान्य कैसे झुझता है यह सोचिए।1859 में बनी व्यवस्था 2021 में भी वैसे ही चल रही है।जज बैठा रहता है,पेशकार डेट देने के नाम पर दस दस रुपये वसूलता रहता है क्यों? क्योंकि कानून अंधा है।
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