प्रकृति में फैली हरियाली के दुश्मन आरा कुल्हाड़ा बरसाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

प्रकृति में फैली हरियाली के दुश्मन आरा कुल्हाड़ा बरसाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

इलाकाई दरोगा जिसको सिर्फ पैसा और पैसा ही चाहिए पैसे के लिए वह इलाकाई दरोगा किसी भी हद तक गुजर सकता है।



स्वतंत्र प्रभात


उन्नाव ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे प्रकृत की हरियाली को उजाड़ कर शमशान बना देने के लिए सौगंध लेकर जंगल माफिया इलाके में कटान का नंगा नाच नाच रहे हो।ऐसे वन माफियाओं पर मौरावा थाने में तैनात एक इलाकाई दरोगा जिसको सिर्फ पैसा और पैसा ही चाहिए पैसे के लिए वह इलाकाई दरोगा किसी भी हद तक गुजर सकता है।

जी हां जानकार सूत्रों की मानें तो मौरावा थाना क्षेत्र का हल्का नंबर दो का इलाकाई दरोगा जहां भी रहा वहां हरियाली का दुश्मन बन कर रहा।हालांकि उच्च अधिकारियों ने उसका हल्का तो बदल दिया लेकिन उसकी करतूतों से प्रकृति हलकान हो उठी।


रात के अंधेरों में वन माफिया आरा और कुल्हाड़ी चला रहे हैं।उच्चाधिकारियों को शिकायतें जा रही हैं यहां तक कि हल्का नंबर 2 के इलाकाई दरोगा से ग्रामीणों ने शिकायत किया।तो हर बार एक नया बहाना देकर अपनी भूमिका से हाथ खड़े कर लेता है।


समय रहते यदि बन माफियाओं पर वरद हस्त रखने वाले तथाकथित अधिकारी के ऊपर नकेल नहीं डाली गई तो मौरावा थाना क्षेत्र के अधिकांश हरे पेड़ अपने वजूद को खो देंगे।विस्तृत खबर राष्ट्रीय मुहिम पर।

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