अधिकारियों की चल रही मनमानी, पीड़ित पक्ष की बिना सुने ही दे दिया कार्यवाही के निर्देश

अधिकारियों की चल रही मनमानी, पीड़ित पक्ष की बिना सुने ही दे दिया कार्यवाही के निर्देश

पीड़ित पक्ष को बिना सुने ही अधिकारियों द्वारा कार्यवाही भी कर दी गई।


स्वतंत्र प्रभात 
 

संग्रामपुर अमेठी


 अमेठी जनपद के संग्रामपुर ब्लॉक अंतर्गत के प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका के ऊपर दलित बच्चों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया गया।
 और पीड़ित पक्ष को बिना सुने ही अधिकारियों द्वारा कार्यवाही भी कर दी गई।

जानकारी के अनुसार बता दे कि  मामला संग्रामपुर ब्लाक की ग्राम पंचायत गड़ेरी के प्राथमिक विद्यालय बनपुरवा का है। इस विद्यालय की प्रधानाध्यापिका कुसुम सोनी के ऊपर गांव के कुछ व्यक्तियों द्वारा आरोप लगाते हुए शिकायत किया गया है कि विद्यालय में पढ़ने वाले पहले बच्चों को भोजन परोसने में दलित बच्चों की अलग पंक्ति बनाने और उनके प्रति सामाजिक भेदभाव किया जाता है।शिकायत को संज्ञान में लेते हुए डीएम अरुण कुमार ने तत्काल जांच कराकर दोषी प्रधानाध्यापिका पर कठोर कार्यवाही करने का निर्देश बीएसए अमेठी को दिया। 

डीएम के निर्देश पर बीएसए ने उक्त शिकायत की जांच की और बिना दूसरे पक्ष की सुने हुए एक तरफा कार्यवाही करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया और संग्रामपुर थाने में एससी एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज करा दिया।

 मामले की तहकीकात करने हमारे संवाददाता प्राथमिक विद्यालय बंद करवा पहुंचे और विद्यालय में पढ़ रहे बच्चों से बच्चों के साथ भेदभाव किए जाने की बात पूछी तो सभी बच्चों ने कहा कि ऐसा नहीं है सभी को एक पंक्ति में बैठाकर भोजन कराया जाता है कोई भेदभाव नहीं किया जाता है। कुछ बच्चे और उनके अभिभावक से बात करते पर पता चला कि इस मामले में उन्हें तो कुछ पता ही नहीं है कि उनके नाम से तहरीर किसने दिया है। 

वही  प्रधानाध्यापिका कुसुम सोनी से इस संवाददाता ने पूरे प्रकरण के बारे में जानकारी चाही तो उन्होंने बताया कि 1 दिन अपने को प्रधान प्रतिनिधि बताने वाले पवन दुबे सुबह विद्यालय आए तो हमारी रसोईया साफ सफाई कर रही थी उसको बाहर निकाल कर विद्यालय में ताला बंद कर दिया और बाहर से फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जब मैंने संग्रामपुर थाने में इस मामले को लेकर लिखित तहरीर दी तो उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई 


उन्होंने कहा कि विद्यालय में कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए उचित दूरी पर बैठाकर भोजन कराया जाता है उसमें कोई भेदभाव नहीं किया जाता है। पूरे विद्यालय में 4 बच्चों को छोड़कर बाकी सभी बच्चे ओबीसी कास्ट के हैं उन्होंने कहा मेरा पक्ष बिना सुने हुए अधिकारी द्वारा एकतरफा कार्यवाही कर दी गई है।


 अब यहां सवाल उठता है कि किसी भी मामले की शिकायत होने पर अधिकारी द्वारा दोनों पक्ष को सुना जाता है तब किसी कार्यवाही की बात की जाती है लेकिन यहां तो मामला ही उत्तम उल्टा हो गया पीड़ित पक्ष की सुने बिना ही अधिकारियों ने एकतरफा कार्यवाही करते हुए सिद्ध कर दिया कि प्रशासन जो चाहेगा वही होगा।
 

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