vichardhara
<% catList.forEach(function(cat){ %> <%= cat.label %> <% }); %>
<%- node_title %>
Published On
By <%= createdBy.user_fullname %>
<%- node_title %>
Published On
By <%= createdBy.user_fullname %>
<% if(node_description!==false) { %> <%= node_description %>
<% } %> <% catList.forEach(function(cat){ %> <%= cat.label %> <% }); %>
Read More... प्रोफेशनल कोर्स महिलाओं को उनके करियर में नई ऊंचाई दे सकते हैं
Published On
By Swatantra Prabhat UP
विजय गर्ग 20वीं सदी अपने साथ औद्योगीकरण लेकर आई और शिक्षा भी लेकर आई जिसने काफी हद तक महिलाओं की दुर्दशा के प्रति समाज की आंखें खोल दीं। शिक्षा ने उनमें अपनी स्थिति को पुनः प्राप्त करने और सामान्य रूप... जैसा प्रदेश वैसे ही मुद्दे
Published On
By Office Desk Lucknow
स्वतंत्र प्रभात: जितेन्द्र सिंह पत्रकारचुनाव की घंटी बज चुकी है, पांच राज्यों में स्थितियां अलग अलग हैं इसलिए एक ही मुद्दे पर चुनाव लड़ पान प्रत्येक पार्टी के लिए मुश्किल है। पार्टियों ने प्रदेश की स्थिति के अनुसार ही... 370 हटा कर नमो सरकार ने पूरा किया मुखर्जी का मिशन : डॉ. चौहान
Published On
By Swatantra Prabhat Desk
पटना में जुटे विपक्षियों को भाजपा की खुली चुनौती हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ कब तक?
Published On
By Swatantra Prabhat Desk
फिल्म आदिपुरुष भगवान राम पर बनी इस फिल्म का देशव्यापी विरोध हो रहा है। कई लोगों को फिल्म के डायलॉग पसंद नहीं आ रहे हैं तो कुछ लोगों को राम बने प्रभास का लुक पसंद नहीं आ रही है। घनी... गुजरात का नाम बदनाम न करो
Published On
By Swatantra Prabhat UP
महात्मा गांधी की जन्म और कर्म भूमि लगातार सुर्ख़ियों में हैं और ये तमाम सुर्खियां हैं बदनामी की। आज जब देश का नेतृत्व एक महान गुजराती कर रहा हो तब गुजरात को लगातार बदनाम करने की कोशिशें मुझे नागवार लगतीं... आमंत्रित विषय रचना -सुखी परिवार
Published On
By Swatantra Prabhat UP
स्वतंत्र प्रभात संसार है एक नादिया इसमें दुःख सुख दो किनारे हैं । न जाने कहाँ जाएँ हम यह बहते धारें हैं । संसार में ये दो ही तत्व हैं ।किए कर्मों कामिलता यहाँ फ़ल है ।पुण्यायी से... ' अ ' से अदालत,'स ' से सारस
Published On
By Swatantra Prabhat UP
अब समय आ गया है जब हमें अपना ककहरा बदल देना चाहिए । अब 'अ ' से अदालत और 'स' से सारस पढ़ाने का वक्त आ गया है । क्योंकि अब हमारी अदालतें नए जूनून के साथ फैसले सुना रहें... किसने लगाया सुख के ताला
Published On
By Office Desk Lucknow
हमने स्वयं ने अपने कर्मों के आवरण से भौतिक चकाचौंध में रत रहकर आत्मा का जो सुख होता है उसको ताला लगाया हैं ।हम हमेशान पाए को पाने की लालसा में भटकते रहते हैं । उसका... 