सरसों फूली खेत में आया पर्व बसंत

सरसों फूली खेत में आया पर्व बसंत

शाहजहाँपुर। गा़जि़याबाद की युवा अधिवक्ता कवयित्री प्रियांशु सक्सेना, के डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म 'मेरा पन्ना' पटल पर बसंतोत्सव काव्य संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें देश- विदेश के विभिन्न कवियों ने अपनी उत्कृष्ट रचनाएं प्रस्तुत कीं।कार्यक्रम का संचालन प्रियांशु सक्सेना और दीप्ति सक्सेना ने संयुक्त रूप से किया।


शाहजहाँपुर। गा़जि़याबाद की युवा अधिवक्ता कवयित्री प्रियांशु सक्सेनाके डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म 'मेरा पन्नापटल पर बसंतोत्सव काव्य संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें देश- विदेश के विभिन्न कवियों ने अपनी उत्कृष्ट रचनाएं प्रस्तुत कीं।कार्यक्रम का संचालन प्रियांशु सक्सेना और दीप्ति सक्सेना ने संयुक्त रूप से किया। 

सर्वप्रथम बुरहानपुर मप्र की कुमारी कीर्ति तिवारी ने सरस्वती वंदना "स्वर की देवी सरस्वती" प्रस्तुत की।

तदोपरांत स्विट्ज़रलैंड की नेहा वर्तिका जी ने अपनी रचना "घर" सुना कर सबका मन मोह लिया। लखनऊ के विनीत सक्सेना ने अपनी रचना "फिर आएगा नव बसंत" का काव्यपाठ किया।

इसके उपरांत पी. एस. डी. ग्रुप की संचालिका रेखा सक्सेना ने अपनी प्रस्तुति "स्वागत है ऋतुराज" प्रस्तुत की।

लखनऊ से सत्येन श्रीवास्तव ने अपनी रचना "अभिनंदन"प्रस्तुत की।

बहरीन की गरिमा सूदन कपूर ने भी अपनी रचना "वह सुबह फिर आएगी" का काव्यपाठ किया। ग्रेटर नोएडा के हरकीरत सिंह ढींगरा ने लघु हास्य रचनाएं "गुफ्तगूउनकी आईने से।" और "देखा ही नहीं उसको" प्रस्तुत कर दर्शकों के चेहरों पर मुस्कान ला दी।दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज के अंग्रेजी विषय के प्रो. प्रवीण कुमार 'अंशुमानने अपने बाबा को समर्पित रचना हरगुन महोत्सव का भावपूर्ण पाठ कर दर्शक दीर्घा की वाहवाही लूटी। एनटीपीसी के डीजीएम आशुतोष कुमार ने "आया है ऋतुराज बसंत" और "किसी विधि तुम्हें पुकारूँ" रचनाएँ खूब सराही गईं। जौनपुर के शिक्षक अमित कुमार सिन्हा ने अपनी रचना फूल हूँ बसंत का प्रस्तुत की।

 छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव की सुप्रसिद्ध कवियत्री अर्चना जैन ने अपनी रचना "प्रकृति रानी" का काव्यपाठ कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।इसी बीच काव्यदीप फेसबुक पेज की संस्थापिका बदायूँ की दीप्ति सक्सेना ने अपनी रचना "चैन की नींद" को अपने सुरों में ढाल कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मुम्बई के वरिष्ठ कविलेखक एवं संगीतज्ञ अनुप जालान ने "स्वागत ऋतुराज बसंत" और "आया मधुमास आली"रचनाएँ सुनाकर बसंत की छटा बिखेरी।शाहजहाँपुर केराष्ट्रकवि प्रदीप वैरागी ने कहा," सरसों फूली खेत में,आया पर्व बसंत।

रंग बिरंगी गगन में ,बिखरी छटा अनंत।।कार्यक्रम के अंत में संचलिका प्रियांशु सक्सेना ने अपनी प्यार भरी रचना "प्यार का नगमा" सुना कर दर्शकों की तालियाँ बटोरीं।  सभी माँ वाणी के साधकों को मेरा पन्ना की ओर से प्रशस्ति पत्रों से सम्मानित किया गया। अंत में कवयित्री दीप्ति सक्सेना ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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