फर्जी आयु प्रमाण पत्र जारी होने पर सीडब्लूसी ने पुलिस को किया तलब

फर्जी आयु प्रमाण पत्र जारी होने पर सीडब्लूसी ने पुलिस को किया तलब

बस्ती जिले में फर्जी आयु प्रमाण पत्र जारी होने पर सीडब्लूसी ने पुलिस को तलब किया। बाल कल्याण समिति ने बरामद बालिका फर्जी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने व समय से न्यायालय में न लाने के आरोप में पैकोलिया पुलिस को तलब किया है।


बस्ती। बस्ती जिले में फर्जी आयु प्रमाण पत्र जारी होने पर सीडब्लूसी ने पुलिस को तलब किया। बाल कल्याण समिति ने बरामद बालिका फर्जी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने व समय से न्यायालय में न लाने के आरोप में पैकोलिया पुलिस को तलब किया है।

पैकोलिया थाना क्षेत्र के एक ग्राम निवासी एक व्यक्ति ने अपनी लड़की को गांव के ही कुछ लोगों पर लगा ले जाने का मामला दर्ज किया। पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए बालिका को सकुशल बरामद कर लिया। बालिका को भगाने का आरोपित गिरफ्तार हो गया।जब नाबालिग बालिका को सीडब्लयूसी के सामने प्रस्तुत करने की आई तो अध्यक्ष प्रेरक मिश्रा को जरिए मोबाइल बालिका के बरामदगी की सूचना पुलिस ने दी। पुलिस ने यह बताया की बालिका 21 वर्ष की है। इसके पास स्कूल से जारी प्रमाण पत्र भी है। चूंकि बालिका बालिग बताई गई थी तो सीडब्लयूसी के अध्यक्ष प्रेरक मिश्रा ने उसे सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत करने को कहा।

प्रकरण में नया मोड़ तब आया जब नाबालिग लड़की के पिता ने सीडब्लयूसी के सामने प्रार्थना पत्र देकर अपनी लड़की को नाबालिग बताया और उसके सन्दर्भ में प्रमाण भी दिया। न्याय पीठ के सदस्य अजय श्रीवास्तव एवं गोवर्धन गुप्ता ने एसओ से बात कर बालिका को तत्काल प्रस्तुत करने का आदेश दिया। अगले दिन मामले के विवेचक उप निरीक्षक मैनेजर सिंह ने पत्रजातों के साथ बालिका को प्रस्तुत किया।मेडिकल प्रमाण पत्र और बालिका के दो स्कूलों से जारी प्रमाण पत्र पेश किया, जिसमें पूर्व माध्यमिक विद्यालय बभनान से जारी प्रमाण पत्र में बालिका की जन्म तिथि नौ सितम्बर 2009 बताई गई है।

आदर्श जनता लघु माध्यमिक विद्यालय पचमोहनी से जारी प्रमाण पत्र में बालिका की जन्म तिथि नौ सितम्बर 2000 है। मेडिकल प्रमाण पत्र में बालिका की आयु लगभग 16 साल बताई गई है। प्रस्तुत प्रमाण पत्रों तथा पुलिस की जांच में आदर्श जनता लघु माध्यमिक विद्यालय पचमोहनी से जारी जन्म प्रमाण फर्जी पाया गया है। न्याय पीठ बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रेरक मिश्रा, सदस्य डॉ. संतोष श्रीवास्तव, अजय श्रीवास्तव, गोवर्धन गुप्ता, मंजू त्रिपाठी की टीम ने बालिका को उसके पिता के सुपुर्दगी में देते हुए दोनों विद्यालय के प्रधानाचार्य को अभिलेखों के साथ तलब किया है। स्थानीय पुलिस को भी बाल अधिनियम के उल्लंघन का दोषी पाए जाने पर तलब कर स्पष्टीकरण मांगा है।

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