प्रत्येक भाषाओं से समृद्ध है हिंदी-ओमप्रकाश ।

प्रत्येक भाषाओं से समृद्ध है हिंदी-ओमप्रकाश ।

प्रत्येक भाषाओं से समृद्ध है हिंदी-ओमप्रकाश । ए •के • फारूखी (रिपोर्टर) ज्ञानपुर,भदोही । रविवार को विश्व हिंदी दिवस जगह-जगह मनाया गया और हिंदी के महत्व पर प्रकाश डाला गया तथा यह भी बताया गया कि विश्व हिंदी दिवस पहली बार और कहां मनाया गया। इसी क्रम नगर स्थित मां हंसवाहिनी पब्लिक स्कूल में भी

प्रत्येक भाषाओं से समृद्ध है हिंदी-ओमप्रकाश

ए •के • फारूखी  (रिपोर्टर)

ज्ञानपुर,भदोही ।

रविवार को विश्व हिंदी दिवस जगह-जगह मनाया गया और हिंदी के महत्व पर प्रकाश डाला गया तथा यह भी बताया गया कि विश्व हिंदी दिवस पहली बार और कहां मनाया गया।

इसी क्रम नगर स्थित मां हंसवाहिनी पब्लिक स्कूल में भी विशव हिंदी दिवस मनाया गया। विद्यालय के प्रबंधक ओमप्रकाश पांडेय पुजारी ने कहा कि प्रत्येक वर्ष 10 जनवरी के दिन विश्वभर में विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। पहला विश्व हिंदी  वर्ष 2006 में मनाया गया था।

इसका उद्देश्य विश्व में हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिये जागरूकता पैदा करना तथा हिन्दी को अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में स्थापित करना है। विदेशों में भारत के दूतावासों में इस दिन को विशेष रूप से आयोजित किया जाता हैं। सभी सरकारी कार्यालयों में विभिन्न विषयों पर हिन्दी में व्याख्यान आयोजित किए जाते हैं।

विश्व में हिन्दी का विकास करने और इसे प्रचारित-प्रसारित करने के उद्देश्य से विश्व हिन्दी सम्मेलनों की शुरुआत की गई और प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित हुआ था इसीलिए इस दिन को ‘विश्व हिंदी दिवस ‘ के रूप में मनाया जाता है।

हिन्दी भाषा इतनी समृद्ध, सक्षम और सरल है कि हमारा सारा कामकाज सुचारू रूप से हिन्दी में किया जा सकता है। विनोद तिवारी टीटू ने हिंदी के महत्व  पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत ही नही अपितु विश्व के अधिकांश देशों में हिंदी की उपयोगिता देखी व समझी जा सकती है।

कहा कि  अमेरिका से हर सप्ताह विदेश विभाग की ओर से समसामयिक मुद्दों पर हिन्दी में संवाद किया जाता है। भारत स्थित अमेरिकी दूतावास से हिंदी की मैगज़ीन स्पैन प्रकाशित की जाती है।  अनिरुद्ध तिवारी ने कहा कि विश्व के अनेक विश्वविद्यालयों में हिन्दी शिक्षण किया जाता है।

इसके लिए हिन्दी चेयर्स की भी स्थापना की गई है। विश्व भर में हिंदी को संपर्क भाषा के रूप में पसंद किया जा रहा है।  विश्व की प्रमुख भाषाओं के साहित्य का हिन्दी में अनुवाद हो रहा है और साथ ही हिन्दी साहित्य का अनुवाद विदेशी भाषाओं में हो रहा है।

भारत का नमस्ते शब्द पूरी दुनिया में मशहूर है।   विश्व के अधिकांश देशों में हिन्दी सोसायटी, हिन्दी संस्थाओं का निर्माण हो रहा है।  विश्व के कई देशों में स्कूलों के पाठ्यक्रम में भी हिन्दी पढ़ाई जा रही है। इस मौके पर विनीत सिंह, अजय शुक्ल सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

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