
न्याय के लिए दर दर भटक रहे है पीडित, नही हो रही सुनवाई।
न्याय के लिए दर दर भटक रहे है पीडित, नही हो रही सुनवाई। संतोष तिवारी (रिपोर्टर ) भदोही। सरकार की मंशा है कि सुशासन के माध्यम से लोगो को न्याय मिले और किसी के साथ कोई गलत कार्य और अन्याय न हो सके लेकिन इस सब के बावजूद भी आज समाज में पैसे और पकड
न्याय के लिए दर दर भटक रहे है पीडित, नही हो रही सुनवाई।
संतोष तिवारी (रिपोर्टर )
भदोही।
सरकार की मंशा है कि सुशासन के माध्यम से लोगो को न्याय मिले और किसी के साथ कोई गलत कार्य और अन्याय न हो सके लेकिन इस सब के बावजूद भी आज समाज में पैसे और पकड वाले कमजोर लोगो पर कही कही भारी दिखते है। और वे मजबूत लोग नियम कानून को धता बताकर वही करते है जो वे चाहते है।
और ऐसे मामले में उससे कमजोर व्यक्ति केवल न्याय के लिए दर दर की ठोकर खाता है। जब कमजोर व्यक्ति मजबूत व्यक्ति के कार्यों का विरोध करता है तो तरह तरह की धमकी भी मिलती है। एक ऐसा ही मामला ऊंज थाना क्षेत्र के सुधवै गांव में देखने को मिला है जहां कुछ लोगों को पट्टा की जमीन मिली है वहां पर एक विपक्षी उस जमीन पर स्थगन आदेश करा दिया है।
और मामला विभिन्न न्यायालयों में लंबित है। पीडितों का आरोप है कि विपक्षी पैसे के बल पर अपनी जमीन को बहाल करा लिया है जबकि उन लोगों के पट्टे की जमीन पर स्थगन आदेश का हवाला देकर कोई निर्माण कार्य नही करने दे रहा है। जबकि खुद जुताई बुआई कर रहा है।
पीडितों का कहना है कि यदि स्थगन आदेश है तो दोनो पक्ष के लिए होना चाहिए न कि एक पक्ष के लिए। लेकिन वह पैसे और पहुंच के बल पर मनमानी कार्य करता है। पीडितों ने जिले के सभी संबन्धित अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है लेकिन कोई सुनवाई न होने से सब परेशान है।

मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में पीडितों ने मांग की है कि विपक्षी छोटेलाल धमकी देता है कि भदोही के वर्तमान जिलाधिकारी उसके रिश्तेदार है, सभी लोग पूरी जमीन मेरे नाम कर दीजिए नही तो जबरदस्ती हड़प लूंगा और पुलिस अधीक्षक से पैरवी करके सभी पर झूठा मुकदमा कायम कराकर बर्बाद कर दूंगा।
पीडितों को आशंका है कि विपक्षी पैसे के बल पर जमीन हड़प सकता है। जिसके लिए पीडितों ने जांच कराने की मांग की है। अब यहां सवाल पैदा होता है कि यदि किसी भी जमीन पर स्थगन आदेश जारी है और मामला न्यायालय में लंबित है तो कोई एक पक्ष आखिर कैसे उस जमीन पर खेती कर सकता है
और दूसरा पक्ष इसकी शिकायत करे तो अधिकारी न्यायालय में मामला लंबित होने की बात कह कर कोई कार्यवाही करने से बचते रहे। इस मामले में विपक्षियों द्वारा लगाये गये आरोप क्या सही है कि जिले के वर्तमान जिलाधिकारी उनके विपक्षी के रिश्तेदार है। जिसके वजह से वह नियम कानून को धता बताकर मनमानी कर रहा है।
हालांकि इस आरोप में कितना दम है यह तो जांच की बात है लेकिन सबसे बडी बात यहां यह है कि यदि स्थगन आदेश है तो दोनो पक्षो को मानना है न कि केवल एक पक्ष को आदेश का पालन करना है। हालांकि बर्फी देवी पत्नी माता प्रसाद समेत सभी पीडितों को कानून व्यवस्था पर भरोसा करते हुए न्यायालय और प्रशासन से न्याय की मांग की है।
About The Author
Related Posts
Post Comment
आपका शहर

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel
शिक्षा

Comment List