तम्बाकू सेवन मुख कैंसर का प्रमुख कारण

तम्बाकू सेवन मुख कैंसर का प्रमुख कारण

विद्यालय जागरूकता कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षक व छात्र अम्बेडकरनगर। मुख्यचिकित्सा अधिकारी डॉ अशोक कुमार के निर्देश के क्रम में सोमवार को कार्यक्रम का आयोजन किया गया।तम्बाकू नियंत्रण को लेकर सरकार द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे है। इसकी रोक थाम के लिए बहुत कार्यक्रम चलाये जा रहे है जिससे कि हमारी आने वाली पीढ़ी नशा

विद्यालय जागरूकता कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षक व छात्र

अम्बेडकरनगर। मुख्यचिकित्सा अधिकारी डॉ अशोक कुमार के निर्देश के क्रम में सोमवार को कार्यक्रम का आयोजन किया गया।तम्बाकू नियंत्रण को लेकर सरकार द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे है। इसकी रोक थाम के लिए बहुत कार्यक्रम चलाये जा रहे है जिससे कि हमारी आने वाली पीढ़ी नशा मुक्त हो कुछ इस तरह के प्रयास किये जा रहे हैं । तम्बाकू सेवन कैंसर का प्रमुख कारण यह कहना है डॉ आर के मेहता(डीन) का राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत, महामाया कृषि अभियतरण एवम् प्रौद्योगिक महाविद्यालय के सभागार एवम् राजकीय पॉलीटेक्निक अकबरपुर में छात्रों और छात्राओं को तम्बाकू न प्रयोग करने की शपथ दिलाई गई।

डॉ सर्वेश कुमार गुप्त ने बताया कि (ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे ) द्वारा प्रस्तुत किए आँकड़ों के अनुसार देश भर में लगभग 27.5 करोड़ लोग तम्बाकू का सेवन करते हैं जिसके कारण लगभग 9 लाख लोग प्रतिवर्ष कैंसर से ग्रसित होते हैं। उन्होने बताया कि किशोरों में तम्बाकू सेवन करने की प्रवृति का बीते कुछ सालों में काफी वृद्धि हुयी है। उन्होने तम्बाकू सेवन से होने वाली समस्याओं के विषय में विस्तार से जानकारी देते हुये बताया कि तम्बाकू सेवन कैंसर का प्रमुख कारण है। इसके अलावा उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, दाँतों की समस्या एवं साँस संबंधित जैसे विभिन्न रोग भी तम्बाकू सेवन से ही होते हैं।

उन्होने बताया कि तम्बाकू सेवन से फेफड़े एवं मुँह के कैंसर की होने की संभावनाएं बहुत अधिक हो जाती है। इसके अलावा गर्भवती महिला द्वारा की जाने वाली किसी भी प्रकार का नशा गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए काफी नुकसान दायक हो सकता है जिसके कारण बच्चे की गर्भ में मौत या गंभीर फेफड़ों की बीमारी हो सकती है। और उन्होने विद्यालय के छात्रों और छात्राओं को येलो लाइन कैंपेन के माध्यम से जागरूक किया तथा तंबाकू न प्रयोग करने की शपथ दिलाई।डॉ सर्वेश कुमार गुप्त ने पैसीव स्मोकिंग के विषय में जानकारी देते हुये बताया कि सक्रीय रूमपान की ही तरह निष्क्रिय ध्रूमपान भी स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होता है।

उन्होने बताया कि ध्रूमपान करने से फैलने वाले धुएं की चपेट में आने से भी खून का कैंसर, फेफड़े का कैंसर, पेट का कैंसर, आँतों का कैंसर एवं साईनस कैंसर हो सकता है। उन्होने बताया कि 13 से 15 वर्ष के 22 प्रतिशत बच्चे घर में होने वाले ध्रूमपान के धुएँ से एवं 13 से 15 वर्ष के 37 प्रतिशत बच्चे सार्वजनिक स्थानों पर फैलने वाले धुओं से प्रभावित एवं बीमार हो रहे हैं।यू.पी.वी.एच.ए.के क्षेत्रीय समन्वयक दिलीप कुमार पाण्डेय द्वारा बताया गया कि प्रति दिन 5500 नये बच्चे तम्बाकू का सेवन कर रहे हैं, इस लिऐ धारा 6ठ के अन्तर्गत स्कूलों एवं शिक्षण संस्थानों के 100 गज के दायरे में तम्बाकू उत्पाद की बिक्री प्रतिबंधित हैं।

सामाजिक कार्यकर्ता वन्दना ने बताया कि सिगरेट एवं तम्बाकू उत्पादों के व्यापार, विज्ञापन, वाणिज्य उत्पादन एवं वितरण संबंधित कानूनी अधिनियमों के बारे में वृस्तृत से जानकारी दी। उन्होने बताया कि इसके संबंध में मुख्य रूप से चार धाराएँ लगाई गयी हैं। धारा -4 के अंतर्गत सार्वजनिक स्थानों पर ध्रूमपाण अपराध, धारा-5 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पादों के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष विज्ञापनों पर रोक, धारा-6 के अंतर्गत 18 वर्ष से कम आयु वर्ग को तम्बाकू उत्पाद बेचना अपराध एवं धारा- 7 के अंतर्गत बिना चित्रित एवं वैधानिक चेतावनी को तम्बाकू उत्पाद के पैकेट बेचना अपराध है। किसी भी परिस्थिति में धारा-4 के उल्लंघन पर 200 तक का जुर्माना, धारा-5 के उलंघन पर एक साल से पांच साल की कैद व 1000 से 5000 रुपए का जुर्माना एवं धारा-6 का उल्लंघन करने पर 200 रुपए तक का जुर्माना एवं धारा- 7 का उल्लंघन करने पर 1000 से 10000 रुपए का जुर्माना या कारावास हो सकता है।इस कार्यक्रम में डॉ एस के पाण्डेय , डॉ रामजीत सिंह, संगमलाल,शिवम् वर्मा,राकेश कुमार पाल एवं विद्यालय के प्राचार्य एंव सभी प्रवक्ता, छात्र उपस्थित रहे ।

Tags:

About The Author

Post Comment

Comment List

आपका शहर

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel