स्वतंत्र प्रभात की खबर का बड़ा असर लखनऊ: बिना नक्शा पास केशव नगर में बन रही कामर्शियल बिल्डिंग सील
स्वतंत्र प्रभात की खबर का बड़ा असर लखनऊ: बिना नक्शा पास केशव नगर में बन रही कामर्शियल बिल्डिंग सील
स्वतंत्र प्रभात की खबर का बड़ा असर
लखनऊ विकास प्राधिकरण का यह मामला जब स्वतंत्र प्रभात अखबार ने अपने एलडीए के आला अधिकारी व जनता के संज्ञान में लाने का काम किया खबर का बड़ा असर होता दिखाई दिया इसका रिजल्ट मार्केट को सील कर स्पष्ट कार्रवाई की गई।
जी हां बता देगी प्रवर्तन के दस्ते ने सोमवार को केशव नगर इलाके के केशव नगर पुलिस चौकी स्थित अवैध बिल्डिंग को सील कर दिया। यह बिल्डिंग लखनऊ विकास प्राधिकरण से बिना नक्शा स्वीकृत कराये व्यावसायिक इमारत बनाई जा रही थी। इससे पहले कई बार नोटिस दिए जाने के बाद भी निर्माण नहीं रोका गया। लगातार निर्माण कार्य होने की शिकायत पर एलडीए ने सीलिंग की कार्रवाई की।
बिल्डिंग को सील कर पुलिस अभिरक्षा में सौंपा
एलडीए की संयुक्त सचिव पवन गंगवार ने बताया कि बिल्डिंग का निर्माण संजय नाग की ओर से कराया जा रहा था। अवैध निर्माण की शिकायत मिल रही थी। एलडीए ने निर्माणकर्ता को नोटिस देकर निर्माण कार्य रोकने की चेतावनी दी थी। इसके बावजूद काम नहीं रोका गया। इसके चलते सोमवार को एलडीए के प्रवर्तन दस्ते ने कार्रवाई करते हुए अवैध निर्माण को सील करने की कारवाई की है। बिल्डिंग की सीलिंग की कार्रवाई के दौरान बिल्डर के सहयोगियों ने विरोध करने का प्रयास किया, लेकिन दस्ते के साथ मौजूद पुलिस बल के चलते किसी की एक न चली। प्रवर्तन दस्ते ने अपनी कार्रवाई करते हुए बिल्डिंग को सील कर दिया और सबंधित पुलिस थाने की अभिरक्षा में सौंप दिया।
प्राधिकरण के इंजीनियरों की मदद से होता है अवैध बिल्डिंगों का निर्माण
इससे पहले केशव नगर में बन रही मार्केट इंजीनियरों पर एलडीए की कार्रवाई क्यों नहीं की क्या इंजीनियर पर कार्रवाई होना अनिवार्य नहीं है। अवैध तरीके से बन रही इमारत एलडीए के प्रवर्तन दस्ते ने सील की थी। एलडीए ने उन इंजीनियरों पर कोई कार्रवाई अब तक नहीं की। इसी तरह इतना ही नहीं इसे बनवाने वाले एलडीए के उस इंजीनियर के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिसकी शह पर अवैध निर्माण होने के आरोप लगे। हालांकि अब अभियंता संजय शुक्ला का दूसरे जोन सौंप दी गई है हो चुका है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि शिकायत के बाद सीलिंग की कारवाई कर दी जाती है, लेकिन कुछ समय बाद मिलीभगत करके फिर सील खोलकर निर्माण कार्य शुरू हो जाता है।
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