न्यायालय के स्थगन आदेश के बावजूद कराया जाता रहा अवैध निर्माण

न्यायालय के स्थगन आदेश के बावजूद कराया जाता रहा अवैध निर्माण

दबंगों ने महिलाओं के साथ अभद्रता करते हुए बोला हमला पुलिस ने नहीं की कोई कार्यवाही



स्वतंत्र प्रभात
फूलपुर, प्रयागराज


फूलपुर तहसील क्षेत्र अंतर्गत सराय गोपी उर्फ झझरी गांव में भूमिधरी जमीन के विवाद में दिवानी न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश जारी किया गया जिसमें यह साफ तौर पर है कि प्रतिवादी तथा उनके मेली मददगारों द्वारा वादी के जमीन पर किसी प्रकार का निर्माण कार्य न किया जाए तथा वादी के कब्जे दखल में कोई हस्तक्षेव व व्यवधान न उत्पन्न हो।

 मामला सराय गोपी उर्फ झझरी गांव निवासी मिथिलेश कुमार की भूमिधरी जमीन का है। इस क्रम में बृहस्पतिवार 11 नवंबर 2021 से शुरू किया गया निर्माण कार्य जिसे डीआईजी व उपजिलाधिकारी फूलपुर के आदेश पर न्यायालय के आदेश का पालन करने के लिएनिर्माण कार्य रूकवाया गया। पीड़ित पक्ष ने बताया कि वहीं शुक्रवार 12 नवंबर की सुबह पुनः विपक्षीगणों अनिकेत, फूलचंद्र व गुलाबचंद्र पुत्रगण ईश्वरदीन तथा ईश्वरदीन पुत्र स्व०रामलाल व उनके मेली मददगारों द्वारा पुनः अवैध निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया।

इसकी शिकायत पुनः फूलपुर  थानाध्यक्ष अमित कुमार राय से की गई तो उन्होंने उपजिलाधिकारी फूलपुर के आदेश का हवाला देते हुए निर्माण कार्य कराए जाने की बात कही। इसे देखते हुए पीड़ित पक्ष ने संबंधित अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई जिसपर मामला गंभीर होता देख पुलिस निर्माण कार्य रुकवाने पहुंची तो विपक्षियों अनिकेत, फूलचंद्र व गुलाबचंद्र पुत्रगण ईश्वरदीन तथा ईश्वरदीन पुत्र स्व०‌रामलाल, सुशील व मूलचंद्र पुत्रगण लालमनि, सुमित कुमार व राजेंद्र कुमार पुत्रगण नंदू तथा उनके मददगारों द्वारा निर्माण कार्य रूकवाने की बात सुनते ही आग बबूला होकर गाली गलौज देने लगे। वहीं पीड़ित पक्ष की महिलाओं ने बताया कि घर पर कोई नहीं था

 इसका फायदा उठाते हुए उपरोक्त दबंगों द्वारा दबंगई के बल पर गाली गलौज करते हुए महिलाओं से मारपीट करते हुए उनसे अभद्रता की तथा गले से एक सोने की जंजीर झपट लिया और पीड़ित परिजनों के सदस्यों को जान से मारने की धमकी देने लगे। यह सब होने के पश्चात पहुंची पुलिस ने निर्माण कार्य बंद कराया। इसी क्रम में उक्त मामले को लेकर पीड़ित पक्ष की महिलाओं ने थानाध्यक्ष फूलपुर के यहां शिकायती प्रार्थनापत्र लेकर अपनी आपबीती बताई लेकिन थाना पर मौजूद उपनिरीक्षक व कांस्टेबल महिलाओं से अभद्रता व अपमानजनक भाषा का उपयोग करते हुए मामले को फर्जी बताकर डांट फटकार कर वापस लौटा दिया। वहीं दबंगों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई।

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