लाकडाउन में मुर्दे भी तबाह, खाने के लिए करना पड़ रहा मनरेगा में मजदूरी

लाकडाउन में मुर्दे भी तबाह, खाने के लिए करना पड़ रहा मनरेगा में मजदूरी

उनकी दो साल पहले ही 2018 में मौत हो चुकी है। और इतना ही नहीं स्व. बरसातु की पत्नी सुशीला ने बताया कि कोई पहलाद नाम का व्यक्ति उनके जाॅब कार्ड का सदस्य है


स्वतंत्र प्रभात
अम्बेडकर नगर

 कोरोना संकट काल में केंद्र और राज्य की सरकारें जब मनरेगा योजना को ग्रामीणों और प्रवासी मजदूरों के लिए वरदान बता रही हैं, तब इस योजना में मुर्दे का भी मास्टर रोल बनाने का अजीबो गरीब मामला सामने आया है। विकास खण्ड भियाँव के ग्राम पंचायत अजमल पुर में प्रधान एवं सचिव और रोजगार सहायक ने वो कर दिखाया जिस काम को करने के लिए आम इंसान सौ बार सोच विचार करे। मनरेगा योजना में आम इंसान और प्रवासी मजदूरों से काम लेना तो आपने सुना होगा, लेकिन जब बात मुर्दे से काम लिए जाने की हो तो...।

 वह भी एक व दो दिन नहीं बल्कि कई बार मास्टर रोल बना हैं  इतना ही नहीं काम के एवज में  रूपये का भुगतान भी। दरअसल ग्राम पंचायत अजमल पुर में निर्माण कार्य के दौरान बरसातु नाम के युवक से पूरे 12 दिन तक काम करवाने के बाद मास्टर रोल तैयार किया होने के बाद पता चला कि पंचायत में सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक जिस ने जिस से काम करवाया गया है

उनकी दो साल पहले ही 2018 में मौत हो चुकी है। और इतना ही नहीं स्व. बरसातु की पत्नी सुशीला ने बताया कि कोई पहलाद नाम का व्यक्ति उनके जाॅब कार्ड का सदस्य है। जिससे उनका किसी भी प्रकार का रिश्ता नहीं है और उसका भी मास्टर रोल बनाया गया और भुगतान हुआ होगा।

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