भारतीय रेलवे ने 6,000 स्टेशनों पर वाई-फाई शुरू किया

भारतीय रेलवे ने 6,000 स्टेशनों पर वाई-फाई शुरू किया

स्वतंत्र प्रभात –प्रयागराज ब्यूरो से डीएस त्रिपाठी की रिपोर्ट। भारतीय रेलवे डिजिटल इंडिया पहल में लगातार योगदान दे रहा है और भारत के विभिन्न हिस्सों को उच्च गति की वाई-फाई सुविधा के साथ जोड़ रहा है 15 मई, 2021 को हजारीबाग रेलवे स्टेशन पर वाई-फाई शुरू होने के साथ भारतीय रेलवे ने 6,000 रेलवे स्टेशनों

‌स्वतंत्र प्रभात –‌प्रयागराज ब्यूरो से डीएस त्रिपाठी की रिपोर्ट।

‌भारतीय रेलवे डिजिटल इंडिया पहल में लगातार योगदान दे रहा है और भारत के विभिन्न हिस्सों को उच्च गति की वाई-फाई सुविधा के साथ जोड़ रहा है

‌15 मई, 2021 को हजारीबाग रेलवे स्टेशन पर वाई-फाई शुरू होने के साथ भारतीय रेलवे ने 6,000 रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई लगाने का काम पूरा कर लिया

‌साथ ही, उसी दिन ओडिशा के अंगुल जिला स्थित जारापाड़ा रेलवे स्टेशन पर भी वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराई गई

‌भारतीय रेलवे यात्रियों और आम जनता को डिजिटल प्रणालियों के साथ जोड़ने के लिए दूरस्थ रेलवे स्टेशनों परवाई-फाई सुविधा का लगातार विस्तार कर रहा है।
‌15 मई, 2021 को पूर्व मध्य रेलवे के धनबाद रेलमंडल में झारखंड स्थित हजारीबाग जिला के तहत हजारीबाग टाउन रेलवेस्टेशन पर वाई-फाई शुरू किया गया। इसके साथ ही भारतीय रेलवे ने 6,000 रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई लगाने का काम पूरा कर लिया है।

‌भारतीय रेलवे ने स्टेशनों पर वाई-फाई सुविधा देने का अपना सफर जनवरी, 2016 में शुरू किया। इसके तहत मुंबई रेलवे स्टेशन पर सबसे पहले वाई-फाई की सुविधा दी गई। इसके बाद पश्चिम बंगाल का मिदनापुर रेलवे स्टेशन इस सुविधा को प्राप्त करने वाला 5,000वां स्टेशन बना और 15 मई, 2021 को हजारीबाग 6,000वां।साथ ही, उसी दिन ओडिशा के अंगुल जिला स्थित जारापाड़ा रेलवे स्टेशन पर भी वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराई गई।

‌रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई की सुविधा भारत सरकार के महत्वाकांक्षी डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के उद्देश्यों को पूरा करती है।यह ग्रामीण और शहरी नागरिकों के बीच डिजिटल दूरी को खत्म करने का काम करेगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल फुटप्रिंट में बढ़ोतरी होने के साथ उपयोगकर्ता का अनुभव भी बढ़े। अब भारतीय रेलवे द्वारा 6,00 स्टेशनों पर वाई-फाई की सुविधा दी जा रही है।

‌रेलवे स्टेशन पर स्व-सक्षमता के आधार पर वाई-फाई का प्रावधान करना, जिससे रेलवे पर कोई आर्थिक बोझ नहीं आता है। यह सुविधा रेल मंत्रालय के तहत एक पीएसयू रेलटेल की मदद से दी जा रही है। यह कार्य गूगल, डीओटी (यूएसओएफ के तहत), पीजीसीआईएल और टाटा ट्रस्ट के साथ साझेदारी में किया गया।

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