योगी सरकार ने ईमानदार आई.पी.एस. अमिताभ ठाकुर के साथ किया घोर अन्याय – अध्यक्ष (प्रेस क्लब ऑफ मीडिया)

योगी सरकार ने ईमानदार आई.पी.एस. अमिताभ ठाकुर के साथ किया घोर अन्याय – अध्यक्ष (प्रेस क्लब ऑफ मीडिया)

योगी सरकार को इस आदेश को लिया जाना चाहिए वापस लखनऊ । उत्तर प्रदेश जहाँ एक ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी सरकार की साफ सुथरी छवि को दिखाने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं, वहीं दूसरी ओर अमिताभ ठाकुर जैसे स्वच्छ एवं ईमानदार आई.पी.एस. अधिकारी को जबरदस्ती सेवानिवृत्त करके अपनी कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह

योगी सरकार को इस आदेश को लिया जाना चाहिए वापस

लखनऊ । उत्तर प्रदेश

जहाँ एक ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  अपनी सरकार की साफ सुथरी छवि को दिखाने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं, वहीं दूसरी ओर अमिताभ ठाकुर जैसे स्वच्छ एवं ईमानदार आई.पी.एस. अधिकारी को जबरदस्ती सेवानिवृत्त करके अपनी कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है, इस कार्य से मा. मुख्यमंत्री  समाज को क्या संदेश देना चाहते हैं, इस विषय पर मेरा मानना है कि ये कार्य मुख्यमंत्री योगी अपनी मर्जी से नही  कर सकते, उनसे ज़बरदस्ती कराया गया है , क्योकि हम आज से नही 2008 से योगी की स्वच्छ एवं ईमानदारी की कार्यशैली से पूर्णतः परिचित हैं।

अधिकतर जगह देखने को मिलता है कि जहाँ एक ओर पुलिस विभाग में कार्यरत आई.पी.एस. अधिकारी तो दूर अधिकतर पुलिसकर्मी तक पीड़ित  एवं आम जनता से अच्छा व्यवहार नही करते वहीं दूसरी ओर अमिताभ ठाकुर आई.पी.एस. अधिकारी होते हुए भी पीड़ित एवं शोषित आम जनता की समस्याओं के समाधान हेतु निरंतर प्रयासरत रहते थे, उनकी इसी स्वच्छ एवं बेहतर कार्यप्रणाली से भाजपा संगठन के कुछ वरिष्ठ पदाधिकारी एवं कुछ आई.ए. एस. और आई.पी.एस. खुश नही थे ,

लेकिन कुछ ईमानदार अधिकारी से लेकर आम जनता तक अमिताभ ठाकुर को बहुत पसंद करते थे। ठाकुर द्वारा समय – समय पर पुलिस विभाग में हो रही अवैध वसूली एवं भ्रष्टाचार के काले कारनामों को सोशल मीडिया के माध्यम से जनता के सामने प्रस्तुत किया जाता रहता था, जिसकी वजह से ही आम जनता अमिताभ ठाकुर को बेहद पसंद करती थी, शायद इसी वजह से ही कुछ भ्रष्टाचारी अमिताभ ठाकुर को पसंद नहीं करते थे और इसके कारण ही ठाकुर के साथ इतना बड़ा अन्याय किया गया।

इस संबंध में हमने कुछ ऐसे ईमानदार आई.पी.एस. अधिकारियों से बात की जिनको अधिकतर हमेशा साइड पदों पर ही रखा जाता है, उन्हें कोई फ्रंट पदों की जिम्मेदारी नही दी जाती , सरकार चाहें किसी भी दल की हो। इनमें से अधिकतर अधिकारी अमिताभ ठाकुर के साथ हुए अन्याय से खुश नहीं है, लेकिन इनकी मजबूरी है कि इस फैसले का वो विरोध भी खुलकर नही प्रगट कर सकते ।

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