प्रधान की मिलीभगत से प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत लाखों रुपए का घोटाला

प्रधान की मिलीभगत से प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत लाखों रुपए का घोटाला

प्रधान पर महिला ने अंगूठा लगाकर रूपए निकालने का लगाया आरोप


स्वतंत्र प्रभात 



महमूदाबाद-सीतापुर। महिला के साथ धोखाधड़ी करके अंगूठा लगवाकर पूर्व प्रधान ने निकलवा लिए पैसे, महिला ने चांदपुर चौकी पर दिया प्रार्थना पत्र। प्राप्त जानकारी के अनुसार तहसील महमूदाबाद की ग्राम पंचायत चांदपुर बाजार ब्लाक रामपुर मथुरा के अंतर्गत पूर्व प्रधान प्रदीप वर्मा एवं वर्तमान प्रधान श्रीमती रीता देवी वर्मा पत्नी प्रदीप वर्मा ने दिनांक 21/1/2021 को शान्ति देवी पत्नी बाबू जो ग्राम पंचायत चांदपुर की ही निवासिनी हैं


, इस गरीब महिला के साथ पूर्व ग्राम पंचायत प्रधान प्रदीप वर्मा द्वारा दो बार बहला- फुसलाकर अंगूठा लगवा लिया गया  ऐसा आरोप लगाते हुए महिला ने इंसाफ की गुहार चांदपुर पुलिस से लगाई है। बताया जा रहा है कि अंगूठा लगवा लेने के पश्चात एक बार चालीस हजार रूपए और दूसरी वार दिनांक 20/6/2021 को उस महिला के रुपए निकाल लिए गए। परन्तु गरीब महिला को न तो रुपए दिए गए और न ही उसका आवास बनवाया गया।

 उस गरीब महिला को अब झांसा दिया जा रहा है, इस घटना की जानकारी होते ही जब मीडियाकर्मी घटना स्थल पर पहुंचे तो गांव के कई लोगो ने शिकायत की कि इसी प्रकार से कई लोगों के प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत पैसा नहीं दिया गया और तमाम आवासों में हेराफेरी की गई है। सूत्रों का कहना है कि महिला पर अब पूर्व प्रधान और एक नेता द्वारा दबाव बनाया जा रहा है कि वह सुलह कर ले।

 मौके पर जांच करने चांदपुर पुलिस चौकी के कर्मचारी पहुंचे और  महिला को संबंधित थाने पर ले गए, जानकारी यह भी मिली है कि इस मामले में सेक्रेटरी रक्षित पटेल पर पूर्व ग्राम प्रधान प्रदीप वर्मा द्वारा दबाव बनाया जा रहा है। रामपुर मथुरा थाना में प्रदीप वर्मा के ऊपर पैसा निकालना, व गुमराह करके धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराने के लिए प्रार्थना दिया गया है जिस पर पूलिस ने अपनी प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। 

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आनन फानन में पोर्टल चैनलों पर खबर चलने के उपरांत इधर पूर्व प्रधान ने एक विधायक के आवास पर जाकर महिला को बुलाते हुए आज रविवार का दिन (छुट्टी का दिन) होने के बावजूद किसी स्टाम्प विक्रेता से स्टाम्प खरीदकर उसकी आज ही नोटरी करा ली गई, 


और उस स्टाम्प पेपर को सोशल मीडिया पर जारी किया गया जिसमें उल्लेख किया गया है कि जो 94,000 रुपये निकाले गए थे वह किसी दुकान पर जमा थे जो दुकान से लाकर वृद्धा को वापस कर दिए गए है और अब कोई विवाद प्रधानमंत्री आवास को लेकर नही है।

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