
कछार में बची हुई धान की फसल में बाढ़ का लगा ग्रहण,
गांव का काफी हिस्सा बाढ़ के पानी के गिरफ्त में है किसान राम प्रसाद पटेल, अर्जुन ,संतलाल ने बताया कि बाढ़ के पानी से धान फसल के खराब होने की संभावना बढ़ गई है
स्वतंत्र प्रभात
प्रयागराज नवाबगंज नदी के जलस्तर में मामूली गिरावट आने से किसानों ने राहत की सांस ली है। लेकिन धान की फसल पर अभी भी बाढ़ के पानी का का ग्रहण लगा है। बताया जाता है कि किसानों ने धान की रोपाई के बाद रासायनिक उर्वरक का छिड़काव कर दिया था। जिसकी वजह से फसल के लिए और खतरा बढ़ गया है। बाढ़ के पानी में डूबी धान की फसल के लिए नाइट्रोजन की मात्रा विशेष हानिकारक साबित हो सकती है। कृषि जानकारों ने बताया कि कई दिनों तक फसल के डूबने से सडने।
खतरा बढ़ गया है। जबकि मुबारकपुर उपरहार, मुबारकपुर कछार, नरहा, झिंगहा, महाराजपुर, बुद्धू का पूरा ,चफरी टेकारी,मलिकपुर, कुरेशर, डाडी आदि गांव का काफी हिस्सा बाढ़ के पानी के गिरफ्त में है। किसान राम प्रसाद पटेल, अर्जुन ,संतलाल ने बताया कि बाढ़ के पानी से धान फसल के खराब होने की संभावना बढ़ गई है।
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