गन्ना की पर्ची न मिलने से ओने पौने दामों में किसान गन्ना बेचने को मजबूर

गन्ना की पर्ची न मिलने से ओने पौने दामों में किसान गन्ना बेचने को मजबूर

छोटे किसान हमेशा परेशान होते चले आ रहे हैं चाहे वह धान बिक्री हो या फिर गन्ना बेचने का मामला हर बार ही छोटे किसान परेशान



स्वतंत्र प्रभात
भीटी अंबेडकर नगर।

सूबे की सरकार किसानों की आय दोगुना करने की बात कहती है लेकिन यह छोटे किसानों के लिए संभव नहीं हो पा रही है। किसानों को गन्ना की पर्ची उपलब्ध ना होने से क्रेशर पर ओने पौने दामों में गन्ना बेचने के लिए मजबूर हो गए हैं। बहुत सारे किसान अभी ऐसे हैं जिनकी अभी तक एक भी गन्ने की पर्ची नहीं आई है। धीरे धीरे गेहूं की बुवाई का समय भी निकलता चला जा रहा है। मजबूर होकर छोटे और मझोले किसान ओने पौने दामों में क्रेशर पर गन्ना बेचने के लिए मजबूर हैं। वहीं बड़े किसानों का कई गन्ना पर्ची आ चुकी है।

 छोटे किसान हमेशा परेशान होते चले आ रहे हैं चाहे वह धान बिक्री हो या फिर गन्ना बेचने का मामला हर बार ही छोटे किसान परेशान होकर ओने पौने दामों में अपनी उपज बेचने के लिए मजबूर हो जाते हैं। अगर गन्ना की बात करें तो छोटे किसान के पास छोटी खेती होने के कारण अपने घर परिवार का खर्च चलाने के लिए गन्ने की बुवाई करता है और इस आशा से लगा रहता है कि समय से गन्ना की पर्ची मिलने पर अच्छे दामों में गन्ने को बेचकर उस खेत में गेहूं की बुवाई कर अपने परिवार के लोगों का लालन-पालन करेगा। लेकिन यह संभव नहीं हो पा रहा है मजबूर होकर उसे ओने पौने दामों में अपने गन्ने की फसल को क्रेशर पर बेचना ही पड़ रहा है।

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