राष्ट्रीय क्षितिज पर फिर चमका कृषि विश्वविद्यालय

विकसित की सफेद बैंगन की नवीन प्रजाति


स्वतंत्र प्रभात 


                          

कुमारगंज अयोध्या।आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज, अयोध्या के कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह के निरंतर निर्देशन एवं देख रेख में चल रहे शोध कार्यों का परिणाम क्षितिज पर आना प्रारंभ हो गया है।


 जिसके परिणाम स्वरूप राष्ट्रीय स्तर पर सफेद बैंगन की नई प्रजाति विकसित करके अपने शोध की क्षमता को  एक बार फिर से गौरवान्वित किया है। 7से9-सितम्बर2021 तक अखिल भारतीय समन्वित सब्जी फसल शोध परियोजना की 39 वीं वार्षिक कार्यशाला, भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी में आयोजित की गई थी।

 उक्त कार्यशाला में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के उप महानिदेशक उद्यान की अध्यक्षता में गठित समिति ने राष्ट्रीय स्तर पर सब्जी की विभिन्न प्रजातियों का विमोचन के लिए चयनित किया गया था। उसमें से आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज, अयोध्या की सफेद बैंगन की एक प्रजाति एन.डी.बी.व्हाइट-1 को चिन्हित किया गया । 


इस नवीन प्रजाति के प्रजनक डाँ जी सी यादव के अनुसार इस प्रजाति के पौधे ओजवान होते हैं, इसकी तना तथा पत्तियां हरी होती है , इसका फल छोटा लंबा , सफेद चमकदार तथा आकर्षक होता है । प्रारंभ में यह 2-2, 3-3 के गुच्छे में फलता है तथा गर्मी में या 5-5, 6-6 के गुच्छे में फलत देता है। इसके फल सब्जी के साथ साथ कलौंजी बनाने के लिए भी उपयुक्त होते हैं । यह प्रजाति ऊसर , छायादार स्थान, तना तथा फल बेधक कीट एवं व्याधि से प्रतिरोधी है। इसकी उपज 548 कुंतल प्रति हेक्टेयर तक पाई गई है ।
यह भी अवगत् कराना है कि विगत् वर्ष 2020 में भी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक


डॉ जी सी यादव ने ही लौकी की नई प्रजाति एन. डी. बी. जी- 16 विकसित की थी।  इस प्रकार यह 2 वर्षों में लगातार डॉ यादव की दूसरी उपलब्धि है। विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि सब्जी विज्ञान विभाग के प्रभारी विभागाध्यक्ष एवं उक्त दोनों प्रजातियों के परिजनक अपने इन उपलब्धियों का श्रेय अपने यशस्वी कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह को दी है, जो स्वयं सब्जी के अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक भी है। 


 विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह, उद्यान एवं वानिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ ओ पी राव, सब्जी विज्ञान विभाग के समस्त वैज्ञानिक एवं सहकर्मियों ने डाँ जी सी यादव को उनके इस उपलब्धि पर उनको को बधाई दी।

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