Haryana: हरियाणा ओपन स्कूल से 10वीं-12वीं करना होगा आसान, HBSE ने किए ये बड़े बदलाव
Haryana News: हरियाणा में अब ओपन या डिस्टेंस एजुकेशन के माध्यम से 10वीं और 12वीं की पढ़ाई करना पहले से ज्यादा आसान हो जाएगा। जो विद्यार्थी किसी कारणवश नियमित रूप से स्कूल नहीं जा पाते, उनके लिए हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (HBSE) ने ओपन स्कूल प्रणाली में कई अहम बदलाव किए हैं। इन बदलावों में साल में एक की बजाय दो बार परीक्षा आयोजित करना, पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराना और कक्षाएं लगवाना शामिल है।
साक्षरता अभियान का हिस्सा है ओपन स्कूल
प्रो. डॉ. पवन कुमार ने बताया कि पहले ओपन स्कूल के विद्यार्थियों की परीक्षा रेगुलर छात्रों के समान प्रश्न पत्र स्तर पर ली जाती थी। जबकि कई बार ओपन स्कूल के विद्यार्थी स्कूल नहीं गए होते या नियमित कक्षाएं अटेंड नहीं कर पाते। ऐसे में दोनों के लिए समान प्रश्न पत्र देना समानता के सिद्धांत के अनुरूप नहीं था। ओपन स्कूल का उद्देश्य अवसर प्रदान करना है और यह एक साक्षरता अभियान के तहत आता है।
साल में दो बार होंगी परीक्षाएं
उन्होंने बताया कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (NIOS) और पड़ोसी राज्यों की तर्ज पर हरियाणा में भी स्टेट ओपन स्कूल के तहत स्टडी सेंटर खोले जाएंगे। प्रत्येक जिले के मुख्यालय पर एक नोडल सेंटर बनाया जाएगा, जहां ओपन स्कूल के तहत आवेदन करने वाले विद्यार्थियों को जोड़ा जाएगा। शिक्षा बोर्ड की ओर से उन्हें पाठ्य सामग्री उपलब्ध करवाई जाएगी और साल में दो बार—मई और दिसंबर में—परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। इन्हीं परीक्षाओं के आधार पर परिणाम घोषित किए जाएंगे।
डिस्टेंस एजुकेशन के छात्रों के लिए 30 पीरियड
चेयरमैन ने बताया कि पहले ओपन स्कूल के विद्यार्थियों की परीक्षा साल में सिर्फ एक बार होती थी और उन्हें पाठ्य सामग्री भी उपलब्ध नहीं करवाई जाती थी। अब ओपन स्कूल का सिलेबस रेगुलर के समान रहेगा, लेकिन पाठ्य सामग्री को इस तरह तैयार किया जाएगा कि विद्यार्थी आसानी से पूरा सिलेबस कवर कर सकें।
इसके अलावा स्टडी सेंटरों पर लगभग 30 पीरियड का कंटेंट प्रोग्राम भी आयोजित किया जाएगा। विद्यार्थियों को वे सभी सुविधाएं देने का प्रयास किया जाएगा, जिससे उन्हें 10वीं-12वीं स्तर की योग्यता हासिल करने में कोई परेशानी न हो।
साइंस छात्रों को मिलेगी लैब सुविधा
प्रो. डॉ. पवन कुमार ने कहा कि ओपन स्कूल के तहत साइंस विषय लेने वाले विद्यार्थियों को प्रयोगशाला (लैब) की सुविधा भी दी जाएगी। इससे डिस्टेंस एजुकेशन के छात्रों को प्रायोगिक ज्ञान प्राप्त करने में मदद मिलेगी।


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