Haryana: हरियाणा में एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई, लॉरेंस बिश्नोई गैंग के चार शूटर गिरफ्तार
Haryana News: हरियाणा पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) अंबाला इकाई ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए लॉरेंस बिश्नोई गैंग के चार अति-वांछित शूटरों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से भारी मात्रा में अवैध हथियार और जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि ये शूटर हरियाणा समेत देश के अन्य हिस्सों में किसी बड़ी आपराधिक वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे।
एसटीएफ अंबाला को गुप्त सूचना मिली थी कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े कुछ सक्रिय शूटर कुरुक्षेत्र के आसपास मौजूद हैं और किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की तैयारी कर रहे हैं। सूचना मिलते ही एसटीएफ टीम ने जाल बिछाया और जीटी रोड पर उमरी (कुरुक्षेत्र) के ले-बाई क्षेत्र से चारों आरोपियों को दबोच लिया।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान इस प्रकार हुई है—
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गगन, निवासी गांव भालखी, जिला महेंद्रगढ़ (पूर्व में पानीपत जेल में बंद रह चुका है)।
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जयंत कुमार, निवासी गांव भगवाड़ी कलां, राजस्थान (मर्डर केस में जेल जा चुका है)।
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नरेश कुमार, निवासी गांव राता मोहलडा, जिला महेंद्रगढ़।
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साहिल, निवासी गांव दुन्धरेहडी, जिला कैथल।
हथियार बरामद, फिरौती के लिए फायरिंग की थी योजना
पुलिस ने आरोपियों के पास से तीन अवैध देशी पिस्टल और सात जिंदा कारतूस बरामद किए हैं। पूछताछ में खुलासा हुआ है कि गैंगस्टर नितिन फौजी और रामबीर जाट के इशारे पर इन आरोपियों को रेवाड़ी-नारनौल हाईवे स्थित एक टोल प्लाजा पर फिरौती के उद्देश्य से फायरिंग करनी थी।
इसके अलावा, आरोपियों ने यह भी कबूला है कि वे गैंगस्टर मयंक उर्फ सुनील मीणा के निर्देश पर रांची (झारखंड) में भी किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की योजना बना रहे थे।
पहले भी शामिल रहे हैं संगीन वारदातों में
पुलिस के अनुसार आरोपी गगन पहले राकेश हत्याकांड में शामिल रह चुका है, जबकि जयंत कुमार ने मंदीप भगवाड़ी कलां की हत्या की थी। दोनों हाल ही में जमानत पर जेल से बाहर आए थे और दोबारा लॉरेंस बिश्नोई गैंग को मजबूत करने के लिए सक्रिय हो गए थे।
मामला दर्ज, रिमांड पर लेगी एसटीएफ
चारों आरोपियों के खिलाफ थाना सदर थानेसर (कुरुक्षेत्र) में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 111(3), 111(4), 3(5) और आर्म्स अमेंडमेंट एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। एसटीएफ अब आरोपियों को रिमांड पर लेकर उनसे पूछताछ करेगी, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनके निशाने पर और कौन-कौन लोग थे तथा गैंग के अन्य सदस्य कहां छिपे हुए हैं।


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