Haryana: हरियाणा का जवान पश्चिम बंगाल में हुआ शहीद, प्रशिक्षण के दौरान हुआ हादसा
गांव में मातम, हर आंख नम
शहादत की खबर मिलते ही गांव और आसपास के क्षेत्रों में शोक की लहर दौड़ गई। पूरे इलाके में मातम का माहौल है। ग्रामीणों ने कहा कि मनीष कुमार की शहादत ने पूरे क्षेत्र को गर्व और गम दोनों से भर दिया है।
किसान परिवार से थे मनीष
शहीद मनीष कुमार के पिता जगदीश सिंह किसान हैं, जबकि माता गृहिणी हैं। मनीष परिवार के बड़े बेटे थे। उनके छोटे भाई सोनू भी फौज में भर्ती होने की तैयारी कर रहे हैं। बेटे की शहादत की खबर सुनकर परिवार गहरे सदमे में है।
टीए बटालियन से डीएसई तक का सफर
मनीष कुमार पहले आर्मी की टीए बटालियन में सेवाएं दे चुके थे। इसके बाद उन्होंने डीएसई बटालियन ज्वाइन की। प्रशिक्षण के दौरान हुए हादसे में वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इलाज के प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका और उन्होंने देश सेवा करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए।
शहीद मनीष कुमार विवाहित थे, हालांकि उनकी कोई संतान नहीं है। परिवार और ग्रामीणों का कहना है कि मनीष शुरू से ही अनुशासित, मेहनती और देशभक्ति से ओतप्रोत थे। वे हमेशा देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा रखते थे।
गांव में होगा जनसैलाब और शोक सभा
पार्थिव शरीर के गांव पहुंचने पर अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण, सामाजिक संगठन और क्षेत्र के गणमान्य लोग मौजूद रहेंगे। शहीद के सम्मान में गांव में शोक सभा का आयोजन किया जाएगा। सभी ने मनीष कुमार को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।

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