Haryana: हरियाणा में ग्राम पंचायतों को बड़ा झटका, सरकार ने लिया ये फैसला
Haryana: हरियाणा से बड़ी खबर सामने आ रही है। हरियाणा सरकार ने पंचायतों को फिर बड़ा झटका दे दिया है। इनके अधिकारों पर निदेशालय का पहरा बैठा दिया है। जानकारी के मुताबिक, ग्राम पंचायतों को पहले एस्टीमेट भेजना होगा। जांच के बाद काम को निदेशालय से मंजूरी मिलेगी।
जानकारी के मुताबिक, सरकार की ओर से इस संबंध में 21 अक्टूबर को लेटर जारी किया गया। हालांकि लेटर अब सामने आने के बाद सरपंचों का विरोध भी सामने आने लगा है। प्रदेश सरपंच एसोसिएशन ने राज्यसभा सांसद सुभाष बराला से मुलाकात की है। Haryana News
इन बदलावों के बारे में जानिए...

3 स्टेप फॉलो करने होंगे
मिली जानकारी के अनुसार, पंचायतों में होने वाले विकास कार्यों का पैसा रिलीज होने के लिए पहला स्टेप में काम शुरू होने पर मुख्यालय फोटो भेजी जाएगी। दूसरे स्टेप में काम 50 प्रतिशत पूरा होने पर तस्वीर लेनी होगी। तीसरा स्टेप में काम पूरा होने पर फोटो मुख्यालय भेजनी होगी। इसके बाद काम करने वाली एजेंसी के बिलों का सत्यापन भी मुख्यालय से किया जाएगा। Haryana News
जानकारी के मुताबिक, इस प्रक्रिया के बाद पैसा जारी किया जाएगा। यानी अब एचआरडीएफ का पैसा डिमांड करते ही ग्राम पंचायतों को नहीं मिलेगा। काम होगा, तभी पैसा मिलेगा। Haryana News
लेनी होगी मंजूरी
मिली जानकारी के अनुसार, पंचायतों में होने वाले विकास कार्यों के लिए एस्टीमेट मंजूर कराने की प्रक्रिया में भी बदलाव किया गया है। इसके अनुसार 21 लाख रुपए तक सभी एस्टीमेट की जांच ग्राम पंचायतों को चीफ इंजीनियर-2 हेड क्वार्टर को भेजने होंगे, ताकि वे इसके बारे में सीनियर अधिकारियों को बता सकें। Haryana News
जानकारी के मुताबिक, इसी प्रकार XEN की ओर से भी सभी एस्टीमेट चीफ इंजीनियर-1 हेड क्वार्टर यशवीर पवार को भेजने होंगे। ग्राम पंचायतों की ओर से विकास कार्य के बिल HRDF के अकाउंट ऑफिसर को भेजने होंगे। इसके बाद सीनियर अधिकारियों के जरिए यह बिल HRDF के MD के पास जाएंगे। तभी ऑनलाइन भुगतान होगा। बिलों का सत्यापन किया जाएगा। Haryana News
हो चुका विरोध
मिली जानकारी के अनुसार, 2023 में जब मनोहर लाल खट्टर की हरियाणा में सरकार थी, तब ई-टेंडरिंग को लेकर सरपंचों ने बड़ा आंदोलन किया था। ये आंदोलन दो हफ्ते से ज्यादा चला था। सरपंचों की ओर से सड़कों पर उतरकर इसका विरोध किया गया था। Haryana News
जानकारी के मुताबिक, हालांकि बाद में सरकार ने सरपंचों के अधिकार में बढ़ोतरी करते हुए उन्हें 21 लाख रुपए तक के काम बिना टेंडर कराने की अनुमति दी थी।

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