IAS Success Story: किसान की बेटी बनी IAS अफसर, गांव से सीधा UPSC की टॉप लिस्ट में
छोटे से गांव से UPSC तक की उड़ान
तपस्या परिहार मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के छोटे से गांव जबेरा की रहने वाली हैं। उनके पिता एक किसान हैं और परिवार की आर्थिक स्थिति साधारण थी। लेकिन तपस्या ने कभी अपने सीमित संसाधनों को अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। उन्होंने यह साबित कर दिया कि सफलता सिर्फ शहरों की नहीं होती, गांव की बेटियां भी अपने हौसले और मेहनत से देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा पास कर सकती हैं।
केंद्रीय विद्यालय से शिक्षा और कानून की डिग्री
तपस्या की शुरुआती पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय से हुई। इसके बाद उन्होंने ILS Law College, पुणे से कानून की डिग्री ली। कॉलेज के दिनों में ही उनके मन में UPSC का सपना आकार लेने लगा था। कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू की।
पहले प्रयास में असफलता, लेकिन हिम्मत नहीं हारी
तपस्या ने UPSC में पहली बार 2016 में प्रयास किया, लेकिन वे प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं कर सकीं। इस असफलता से वे निराश जरूर हुईं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने खुद से सवाल किए, खुद को समझा और दोबारा तैयारी में लग गईं।
सेल्फ स्टडी और स्मार्ट रणनीति बनी सफलता की कुंजी
दूसरे प्रयास में तपस्या ने अपनी रणनीति पूरी तरह बदल दी। उन्होंने कोचिंग नहीं ली और पूरी तैयारी सेल्फ स्टडी से की। मॉक टेस्ट, करंट अफेयर्स और निरंतर रिवीजन पर ध्यान दिया। उन्होंने सोशल मीडिया से दूरी बनाकर पढ़ाई में पूरा ध्यान लगाया और समय का भरपूर उपयोग किया।
तपस्या की मेहनत रंग लाई और UPSC 2017 में उन्होंने AIR 23 हासिल की। उनका चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में हुआ। आज वे न सिर्फ अपने गांव और राज्य, बल्कि देशभर की बेटियों के लिए एक मिसाल बन चुकी हैं।

Comment List