बंगाल में 40% मतदाताओं का आवेदन खारिज 

बंगाल में 40% मतदाताओं का आवेदन खारिज 

प्रयागराज।
 
पश्चिम बंगाल में पिछले दो महीनों में चुनाव आयोग ने हर 10 में से 4 मतदाता आवेदनों को "फर्जी" दस्तावेजों का हवाला देकर खारिज कर दिया है। आमतौर पर 15 फीसदी की तुलना में बड़े पैमाने पर इनका खारिज किया जाना चिंता का विषय है। विपक्षी दल चुनाव आयोग पर लगातार आरोप लगा रहे हैं कि चुनाव आयोग बीजेपी के साथ मिलकर वोटर लिस्ट में हेराफेरी कर रहा है। बिहार, कर्नाटक, महाराष्ट्र और हरियाणा में वोट चोरी के मामलों को विपक्ष ने उठाया है।
 
आयोग के सूत्रों ने बताया, "1 जून से 7 अगस्त के बीच मतदाता सूची में नाम शामिल करने के लिए 10.04 लाख आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से 6.05 लाख आवेदनों पर कार्रवाई की गई, जबकि शेष 40.23 प्रतिशत आवेदन फर्जी दस्तावेजों के कारण खारिज कर दिए गए।"बड़े पैमाने पर आवेदनों को खारिज किया जाना 2026 में होने वाले बंगाल चुनावों से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (SIR) की संभावना के मद्देनजर महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने SIR को "बैकडोर NRC" करार दिया है, जिसे वे गरीबों और हाशिए पर रहने वालों को मताधिकार से वंचित करने की साजिश मानती हैं। ममता का मानना है कि ये वर्ग बीजेपी को वोट नहीं देता।
 

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "यह भी संभव

 
पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती जिलों में खारिज आवेदनों की संख्या सबसे अधिक रही, जिसमें मुर्शिदाबाद (56.44%) शीर्ष पर रहा, इसके बाद कूचबिहार (44.83%), उत्तर दिनाजपुर (44.81%), दक्षिण 24-परगना (44.68%), मालदा (41.25%) और नदिया (42.11%) शामिल हैं। वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि कई लोगों ने SIR के डर से जल्दबाजी में आवेदन जमा किए होंगे और आवश्यक दस्तावेज लगा नहीं पाए होंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "यह भी संभव है कि कई अवैध प्रवासियों ने SIR से पहले मतदाता सूची में शामिल होने की कोशिश की।
 
यह भी हो सकता है कि राजनीतिक दलों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर फर्जी आवेदन जमा किए ताकि वे प्रॉक्सी वोटिंग के लिए मतदाता कार्ड का इस्तेमाल कर सकें।"हालांकि, बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) कार्यालय को अभी तक एक भी शिकायत नहीं मिली है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा, "पिछले दो महीनों में मतदाता सूची में नाम दर्ज करने के लिए प्राप्त आवेदनों की संख्या बहुत अधिक है। यह माना जा रहा है कि लोग SIR से पहले अपने नाम शामिल कराने के लिए आवेदन कर रहे हैं। लेकिन आवेदन खारिज किए जाने की संख्या भी काफी महत्वपूर्ण है।"
 
 
 
 
 
 

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