गायत्री ज्ञान मंदिर के ज्ञान यज्ञ अभियान, आरजीएस कॉलेज ऑफ फार्मेसी में हुई 447वें युगऋषि वाङ्मय की स्थापना

ऋषि का सद्साहित्‍य नैतिक शिक्षा प्रदान करता है: उमानन्द शर्मा

गायत्री ज्ञान मंदिर के ज्ञान यज्ञ अभियान, आरजीएस कॉलेज ऑफ फार्मेसी में हुई 447वें युगऋषि वाङ्मय की स्थापना

गायत्री ज्ञान मंदिर के ज्ञान यज्ञ अभियान, आरजीएस कॉलेज ऑफ फार्मेसी में हुई 447वें युगऋषि वाङ्मय की स्थापना

लखनऊ। गायत्री ज्ञान मंदिर इंदिरा नगर, लखनऊ के विचार क्रान्ति ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत आरजीएस कॉलेज ऑफ फार्मेसी, इटौंजा, लखनऊ, के पुस्तकालय में गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं० श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण 79 खण्डों का 447वाँ ऋषि वाङ्मय की स्थापना का कार्यक्रम शुक्रवार को सम्पन्न हुआ। उपरोक्त साहित्य गायत्री परिवार की सक्रिय कार्यकर्त्री सीमा निरंजन एवं अनिल कुमार निरंजन ने अपने पुत्र हर्षवर्धन निरंजन एवं पुत्री अदिति निरंजन के उज्‍ज्‍वल भविष्‍य के लिए भेंट किया तथा उपस्थित संकाय सदस्‍यों एवं छात्र-छात्राओं को अखण्ड ज्योति (हिन्दी) पत्रिका भेंट की।
 
इस अवसर पर वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा ने कहा कि ऋषि का सद्साहित्‍य नैतिक शिक्षा प्रदान करता है।  आरजीएस कॉलेज ऑफ फार्मेसी के निदेशक प्रो० डॉ० अविनाश चन्‍द्र त्रिपाठी ने धन्‍यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर गायत्री ज्ञान मंदिर के प्रतिनिधि उमानंद शर्मा, देवेन्द्र सिंह, एवं अनिल निरंजन के प्रतिनिधि  दे‍वेन्‍द्र सिंह एवं संस्‍थान के निदेशक प्रो० डॉ० अविनाश चन्‍द्र त्रिपाठी, एडमिन मैनेजर अंकित मिश्रा, सहायक प्राध्यापक एवं सह-पाठ्यचर्या समिति प्रमुख विजयस्वरी मिश्रा, सहायक प्राध्यापक एवं पाठ्येतर समिति प्रमुख राहुल सिंह यादव, शैक्षणिक प्रमुख रूप रंजन श्रीवास्तव सहित संस्‍थान के चिकित्‍सकगण एवं छात्र-छात्रायें मौजूद रहे। 
 
 
 
 
 
 

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