बस्ती में फर्जी इन्वेस्टमेंट और जमीन खरीद-बिक्री के नाम पर बड़ा खुलासा
बस्ती। बस्ती की कोतवाली पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसमें एक ही परिवार के सदस्य शामिल होकर लोगों को करोड़ों रुपये का चूना लगा रहे थे। पुलिस ने इस मामले में पिता–माता की गिरफ्तारी की पुष्टि की है, जबकि बेटा गौरव प्रजापति अभी फरार बताया जा रहा है।
पूरा मामला आया है कि
पुलिस अधीक्षक अभिनंदन ने अपर पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश सिंह तथा क्षेत्राधिकार सदरी सतेंद्र भूषण त्रिपाठी की मौजूदगी में बताया कि आरोपी परिवार ने मिलकर एक संगठित गैंग बनाया था। यह लोग जमीन की खरीद-बिक्री, शेयर मार्केट और प्राइवेट फर्म में निवेश पर भारी मुनाफे का लालच देकर लोगों से पैसे ऐंठते थे। भरोसा दिलाने के लिए आरोपियों ने “इनलफस्ट इन्वेस्टमेंट एंड ब्रोकिंग प्राइवेट लिमिटेड” नाम से कंपनी भी बना रखी थी। कंपनी के दस्तावेज, ब्रोकरेज लाइसेंस और नकली कानूनी समझौते दिखाकर लोगों से निवेश कराया जाता था।उन्होंने बताया कि पीड़ित बबलू चौधरी ने बताया कि गौरव प्रजापति ने उसे 20 लाख की जमीन बेचने का झांसा दिया। उसने किस्तों में करीब 16.50 लाख रुपये दे दिए, लेकिन रजिस्ट्री करने की बजाय आरोपी परिवार ने टाल-मटोल शुरू कर दी।
अमरजीत सिंह ने आरोप लगाया कि उसने और उसके परिचितों ने कंपनी में 35.60 लाख रुपये लगाए, लेकिन गौरव अपनी पत्नी और बच्चे के साथ जुलाई 2025 से फरार हो गया।संजीत चौधरी ने बताया कि परिवार ने उसे और उसके रिश्तेदारों से मिलकर 35 लाख रुपये वसूले। नकली खतौनी और आधार कार्ड तक दिखाए गए। जब उसने पैसा वापस मांगा तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई।
पुलिस की कार्रवाईपीड़ितों की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए मुअसं. 277/2025 धारा 316(2) BNS मुअसं. 278/2025 धारा 316(2) BNSमुअसं. 304/2025 धारा 319(2), 318(4), 338, 336(3), 340(2), 352, 351(3) BNS इसके बाद पुलिस ने रामाश्रय प्रजापति (55 वर्ष) और उनकी पत्नी ललकरन प्रजापति (52 वर्ष) को गिरफ्तार कर लिया। दोनों मूल रूप से बस्ती जिले के मड़वानगर (बड़ेबन) के निवासी हैं।गिरोह का तरीकापुलिस जांच में सामने आया कि यह परिवार सामूहिक रूप से लोगों को संपर्क करता और भारी मुनाफे का झांसा देकर नकली दस्तावेज दिखाता था। एक बार पैसा हाथ लग जाने पर आरोपी गायब हो जाते थे। विरोध करने पर पीड़ितों को धमकाया जाता और कभी-कभी मारपीट भी की जाती थी। यहां पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पुलिस आय से अधिक कमाई के मामले में आरोपियों के ऊपर अन्य विधि के कार्यवाही भी करेगी |
गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक कोतवाली दिनेश चंद्र चौधरी, उपनिरीक्षक विनोद यादव, गौरव यादव, धनंजय यादव, आशुतोष चौहान, महिला कांस्टेबल दीप्तिका, फूलमती और चार महिला सिपाही सिद्धार्थ शामिल रहे। यह मामला दिखाता है कि निवेश या जमीन खरीदते समय केवल भरोसे के आधार पर कोई भी निर्णय लेना कितना खतरनाक हो सकता है। पुलिस अब फरार मुख्य आरोपी गौरव प्रजापति की तलाश तेज कर रही है
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