सुल्तानपुर ग्राम पंचायत पलिया में विकास के दावों की पोल — रास्ते गड्ढों में तब्दील

सड़क के किनारे बनी नालियों की हालत भी चिंताजनक है। कुछ नालियां पूरी तरह टूटकर बिखर चुकी हैं,

सुल्तानपुर ग्राम पंचायत पलिया में विकास के दावों की पोल — रास्ते गड्ढों में तब्दील

सचिन बाजपाई 

सुल्तानपुर 

ग्राम पंचायत पलिया, तहसील जयसिंहपुर, ब्लॉक कूरेभार में विकास के नाम पर बड़ी लापरवाही सामने आई है। ग्राम प्रधान इंद्रावती के कार्यकाल में भी गांव का सदियों पुराना मुख्य मार्ग पूरी तरह गड्ढों में तब्दील हो चुका है। यह मार्ग गांव के भीतर और आसपास के क्षेत्रों के लिए जीवनरेखा की तरह है, जहां से रोज़ाना सैकड़ों लोग, जिनमें किसान, मजदूर, छात्र और महिलाएं शामिल हैं, आवागमन करते हैं। लेकिन इस मार्ग की मरम्मत और रखरखाव की ओर वर्षों से किसी ने ध्यान नहीं दिया।

 

Indian Currency: नोट पर क्यों लिखा होता है “मैं धारक को…”, कौन तय करता है डिजाइन और कितनी भाषाओं में छपी होती है कीमत? Read More Indian Currency: नोट पर क्यों लिखा होता है “मैं धारक को…”, कौन तय करता है डिजाइन और कितनी भाषाओं में छपी होती है कीमत?

सड़क के किनारे बनी नालियों की हालत भी चिंताजनक है। कुछ नालियां पूरी तरह टूटकर बिखर चुकी हैं,

Kal Ka Mausam: देशभर में कल कैसा रहेगा मौसम? देखें पूर्वानुमान  Read More Kal Ka Mausam: देशभर में कल कैसा रहेगा मौसम? देखें पूर्वानुमान

प्रदेश सरकार बार-बार ‘गड्ढा मुक्त प्रदेश’ बनाने का दावा करती है, मगर पलिया का यह रास्ता उन दावों की सच्चाई उजागर करता है। बरसात के मौसम में यह सड़क पानी और कीचड़ से भर जाती है, जिससे राहगीरों का गुजरना मुश्किल हो जाता है। कई जगह गड्ढे इतने गहरे हो चुके हैं कि दोपहिया वाहन फंसने और पलटने का खतरा बना रहता है। बुजुर्गों और बच्चों के लिए यह रास्ता रोज़ाना की चुनौती बन चुका है।

Petrol Pump: पेट्रोल पंप खोलने में कितना लगेगा खर्च? जानें आवेदन प्रक्रिया और जरूरी दस्तावेज Read More Petrol Pump: पेट्रोल पंप खोलने में कितना लगेगा खर्च? जानें आवेदन प्रक्रिया और जरूरी दस्तावेज

सड़क के किनारे बनी नालियों की हालत भी चिंताजनक है। कुछ नालियां पूरी तरह टूटकर बिखर चुकी हैं, जबकि कई जगह नालियां बनी ही नहीं हैं। टूटे हिस्सों में गंदा पानी जमा होकर बदबू फैलाता है और मच्छरों के प्रजनन का केंद्र बन गया है। गांव के लोगों का कहना है कि सफाई व्यवस्था का नाम मात्र दिखता है और मरम्मत का काम तो कभी शुरू ही नहीं हुआ।

सड़क के किनारे बनी नालियों की हालत भी चिंताजनक है। कुछ नालियां पूरी तरह टूटकर बिखर चुकी हैं,

बरसात हो या गर्मी, इस दलदल भरे मार्ग से गुजरना ग्रामीणों की मजबूरी बन चुका है। खेत, स्कूल, अस्पताल या बाजार — कहीं भी जाने के लिए यही एक मुख्य रास्ता है। कई बार लोग फिसलकर चोटिल हो चुके हैं, मगर इस समस्या को हल करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। ग्रामीणों का कहना है कि यह मार्ग अब किसी भी समय बड़े हादसे का कारण बन सकता है।

ग्रामीणों का कहना है कि सदियों पुरानी इस समस्या पर न तो ग्राम प्रधान की नजर पड़ी और न ही किसी अधिकारी या जनप्रतिनिधि ने इसे गंभीरता से लिया। लोग सवाल उठा रहे हैं — क्या किसी गंभीर घटना का इंतजार किया जा रहा है? उनका कहना है कि विकास का लाभ केवल कागजों में दिखता है, जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। 


गांव के बुजुर्गों और युवाओं ने एक सुर में जिला प्रशासन और ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों से मांग की है कि इस मार्ग की तत्काल मरम्मत कराई जाए, नालियों को दुरुस्त किया जाए और नियमित सफाई की व्यवस्था की जाए। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्यवाही नहीं हुई, तो वे सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।

About The Author

स्वतंत्र प्रभात मीडिया परिवार को आपके सहयोग की आवश्यकता है ।

Post Comment

Comment List

आपका शहर

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel