महा शातिर संगीता कुरियाल की AROMA HEALTHCARE लखनऊ का नया फर्जीवाड़ा
मासूम बच्चों को मौत के मुंह में धकेलते कुख्यात शातिर दलाल जीजा साले
लखनऊ- उत्तर प्रदेश

Read More IAS Sonia Meena: यह IAS अफसर बन चुकी 'माफियाओं का काल', बिना कोचिंग क्रैक किया UPSC एग्जाम चौथी कंपनी बाहर की थी, बाहर की कंपनी की निविदा को टेक्निकल बिड में ही रिजेक्ट करने का खेल खेला गया परन्तु उस कंपनी के सारे कागज मजबूत थे, इसलिए उसको टेक्निकल बिड में पास करना पड़ा,जब वित्तीय निविदा खुली तो वही बाहर की कंपनी की दर सबसे न्यूनतम निकली,

Read More Petrol Pump: पेट्रोल पंप पर लोग 100 रुपये की जगह 110 का क्यों डलवाते हैं तेल? जानें क्या है वजहइस पर कुख्यात शातिर दलालों जीजा साले की जोड़ी ने अपना कुचक्र शुरू किया, तत्कालीन विशेष सचिव शिक्षा विभाग और चिकित्सा के निदेशक आईएएस शमीम अहमद जिनको चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय ने "तैमूर लंग" के नाम से प्रसिद्द कर रखा था, उनके और डॉ के के गुप्ता के साथ मिलकर तत्कालीन प्रधानचार्य राजकीय मेडिकल कॉलेज बदायूं डॉ आर पी सिंह पर टेंडर निरस्त करने का दवाब डाला, जब दवाब काम नहीं आया तो महानिदेशक स्तर से टेंडर का बजट ही समाप्त कर दिया गया,

दूसरा टेंडर करके कुख्यात शातिर दलाल जीजा साले की जोड़ी की कंपनी से रूपये 35 लाख प्रत्येक की दर से वेंटीलेटर खरीद लिए गए, उसमे भी बाहर की कंपनी की निविदा को टेक्निकल बिड में निरस्त करके कुख्यात शातिर दलालों जीजा साले की जोड़ी की तीन कंपनियों को पास कर दिया गया (POCT SERVICES, AROMA HEALTHCARE, P RAVI AND COMPANY AGENCIES)
सारा खेल ऐसे खेला गया, P RAVI AND COMPANY AGENCIES ने अपनी निविदा में अपने आप को यूक्रेन की कंपनी UTAS CO. का स्थानीय वितरक दिखाया जोकि फ़र्ज़ी था, जबकि टेंडर की शर्त के अनुसार वेंटिलेटर के लिए आवश्यक क्वालिटी सर्टिफिकेट USFDA माँगा गया था परन्तु उक्त कंपनी के पास सर्टिफिकेट नहीं था और न ही ने अपनी निविदा में उक्त सर्टिफिकेट को लगाया था फिर भी निविदा टेक्निकल बिड में पास कर दी गयी

AROMA HEALTHCARE ने अपनी टेक्निकल बिड में अपने आपको को चीनी कंपनी BEIJING ETERNITY ELECTRONIC COMPANY LIMITED का स्थनीय वितरक दिखाया जोकि AUTHORITY LETTER फ़र्ज़ी है और आवश्यक क्वालिटी सर्टिफिकेट USFDA भी फ़र्ज़ी, कूट रचित लगा दिया और उसकी भी निविदा को टेक्निकल बिड में पास कर दिया गया, आश्चर्यजनक यह है की उत्तर प्रदेश की जनता के लिए खरीदे जाने वाले आवश्यक जीवन रक्षक उपकरण की खरीद में इतना बड़ा फ़र्ज़ी वाड़ा,

इस सम्बन्ध में स्वतंत्र प्रभात के पास उक्त चीनी कंपनी BEIJING ETERNITY ELECTRONIC COMPANY LIMITED और यूक्रेन की कंपनी UTAS CO.द्वारा लिखित दस्तावेज है है की उनके द्वारा इन कम्पनियों AROMA HEALTHCARE LUCKNOW, P RAVI AND COMPANY AGENCIES LUCKNOW को कोई अथॉरिटी लेटर नहीं जारी किया गया है, जो ऑथरिटी लेटर इन दोनों द्वारा टेंडर में लगाए गए है वो फ़र्ज़ी और कूट रचित है और चीनी कंपनी द्वारा लिखित दिया गया है की उक्त सर्टिफिकेट फ़र्ज़ी और कूट रचित है

अपने फ़र्ज़ी वाड़े से उत्तर प्रदेश की मासूम जनता को मौत के मुंह में धकेलने वाली संगीता कुरियाल को तो फांसी की सजा होनी चाहिए, फ़र्ज़ी दस्तावेज के आधार पर जीवन रक्षक उपकरणों की निविदा को पास करने औरकुख्यात शातिर दलालों जीजा साले की जोड़ी की कंपनियों के पक्ष में क्रय आदेश जारी करने में उत्तर प्रदेश चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय जवाहर भवन छठी मंजिल के क्रय विभाग में तैनात बाबू की बहुत बड़ी भूमिका है है, महानिदेशालय के सूत्रों के अनुसार शातिर जीजा जब नौकरी से निकाल दिया गया था तब इसी बाबू ने उस वित्तीय मदद देकर उसकी कंपनियां बनवायी थी और उसके व्यापार में मोटा पैसा लगाया था, सूत्रों के अनुसार बाबू अरबपति है और विदेशों में भी उसकी सम्पत्तियाँ है और आज भी उसके साझेदारी कुख्यात शातिर दलालों जीजा साले की जोड़ी के साथ चल रही है

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग दोनों अपने अधीन लेना होगा और इस सारे फर्ज़ीवाड़े के प्रकरणों की जांच कराकर इस कुख्यात शातिर दलालों की जोड़ी और सहयोगी संगीता कुरियाल, मनोज कुरियाल, महेश खंडेलवाल, मनोज खंडेलवाल, डॉ केशव कुमार गुप्ता और शातिर घोटाले बाज़ बाबू की सम्पति को जब्त करते हुए इनको जेल भेजना होगा आजीवन कारावास के लिए तभी प्रदेश की जनता को न्याय मिलेगा और उसका जीवन सुरक्षित रहेगा


उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करो और कुख्यात शातिर दलालों को जेल भेजो, इनके पाप का घड़ा भर चूका है

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