सीआईएसएफ की संख्या 2.2 लाख हुई, अगले 5 सालों तक हर साल 14,000 की भर्ती

सीआईएसएफ में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर जोर

सीआईएसएफ की संख्या 2.2 लाख हुई, अगले 5 सालों तक हर साल 14,000 की भर्ती

सीआईएसएफ बटालियन आंतरिक सुरक्षा और आपातकालीन तैनाती जैसी जरूरत में अहम भूमिका निभाएगी।

अजित सिंह / राजेश तिवारी ( ब्यूरो रिपोर्ट) 

सोनभद्र / उत्तर प्रदेश-

शक्तिनगर / ओबरा ।नई दिल्ली भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था और औद्योगिक सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए गृह मंत्रालय ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की अधिकृत संख्या को बढ़ाकर 2.2 लाख करने की मंजूरी दे दी है। पहले यह संख्या 1,62,000 थी। यह फैसला देश के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा को और मजबूत करेगा।

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जैसे-जैसे भारत की अर्थव्यवस्था नई ऊंचाइयों को छू रही है, हवाई अड्डों, बंदरगाहों, थर्मल पावर प्लांट, परमाणु प्रतिष्ठानों और जल विद्युत संयंत्रों जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सीआईएसएफ की तैनाती को मजबूत किया जाएगा। छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में वामपंथी उग्रवाद में कमी के कारण नए औद्योगिक केंद्रों के उभरने की उम्मीद है, जहाँ सीआईएसएफ की मजबूत उपस्थिति आवश्यक होगी।

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जम्मू-कश्मीर में जेलों की सुरक्षा भी इसी विस्तार का हिस्सा होगी। बल की संख्या में यह वृद्धि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर लेकर आएगी। साल 2024 में 13,230 नए कर्मियों की भर्ती की गई है, और 2025 में 24,098 पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी है। अनुमान है कि अगले 5 सालों तक हर साल लगभग 14,000 नए जवान सीआईएसएफ में शामिल किए जाएंगे।

इससे बल को युवा ऊर्जा मिलेगी और यह चुनौतीपूर्ण स्थितियों के लिए और अधिक तैयार होगा। इन भर्तियों में महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ाई जाएगी, जिसे सीआईएसएफ की नीतियों का समर्थन प्राप्त है।इस विस्तार से एक नई बटालियन का गठन भी होगा, जो आंतरिक सुरक्षा और आपातकालीन तैनाती जैसी जरूरतों में अहम भूमिका निभाएगी।

पिछले साल सीआईएसएफ ने अपने सुरक्षा विंग के तहत सात नई इकाइयां शुरू की हैं, जिनमें, संसद भवन परिसर अयोध्या एयरपोर्ट हजारीबाग स्थित एनटीपीसी की कोयला खदान परियोजना पुणे का ICMR - राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, बक्सर और एटा में ताप विद्युत संयंत्र, मंडी की व्यास सतलुज लिंक परियोजना ,इसके अलावा, संसद भवन और एटा परियोजना में अग्निशमन की दो नई इकाइयां भी जोड़ी गई हैं।

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