सोनभद्र के मजदूरों के हक के लिए उठाई आवाज, मजदूर एकता जिंदाबाद की अपील
निजी कंपनियों में स्थानीय लोगों को दरकिनार कर बाहरी लोगों को नौकरी देने का आरोप -समाजसेवी डब्लू सिंह
मजदुरों के शोषण सहित अन्य मामलों को लेकर चिंतित
अजित सिंह / राजेश तिवारी ( ब्यूरो रिपोर्ट)
रेणुकूट और सोनभद्र क्षेत्र के मजदूरों के कथित शोषण के खिलाफ टीम निशा बबलू सिंह ने एक नई मुहिम शुरू की है। सोशल मीडिया के माध्यम से मजदूरों को एकजुट होने का आह्वान करते हुए, टीम ने उनके अधिकारों की लड़ाई लड़ने का संकल्प लिया है।
टीम का आरोप है कि मजदूरों को आदिवासी समझकर उनका जबरन शोषण किया जा रहा है ।यह मुहिम दिवंगत शिव प्रताप सिंह (बबलू सिंह) के विचारों से प्रेरित है। टीम का कहना है कि बबलू सिंह की तरह ही वे भी मजदूरों के हक की लड़ाई को मजबूत करना चाहते हैं।
टीम की ओर से डब्लू सिंह ने कहा कि मजदूर के बिना कोई ढांचा खड़ा नहीं हो सकता, फिर भी उनके साथ न्याय नहीं होता। उन्होंने सवाल उठाया कि मजदूरों के बच्चों की शिक्षा और भविष्य खतरे में है, और जब वे अपनी आवाज उठाते हैं तो उन्हें नौकरी से हटा दिया जाता है।
डब्लू सिंह ने कहा कि भारत को आजाद हुए कई वर्ष हो गए हैं, लेकिन आज भी यहां अंग्रेजों जैसा शासन चल रहा है। उन्होंने बताया कि सोनभद्र के चुर्क से शक्तिनगर तक कई विश्व स्तरीय कंपनियाँ हैं, जो पूरे देश को बिजली, बालू, गिट्टी और अन्य खनिज संसाधन दे रही हैं। इसके बावजूद, सोनभद्र के युवा साथी रोजगार के लिए भटक रहे हैं और गलत रास्तों पर जा रहे हैं। डब्लू सिंह ने आरोप लगाया कि स्थानीय युवाओं और मजदूरों को दरकिनार कर बाहरी लोगों को कंपनियों में नौकरी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि इसी कारण हम लोगों का शोषण हो रहा है।
उन्होंने सोनभद्र के सभी मजदूर भाइयों और युवा साथियों से अपील की है कि वे इस लड़ाई में शामिल हों। उन्होंने कहा कि अगर हर गाँव से 10 युवा भी कंपनियों के खिलाफ आंदोलन करने को तैयार हैं, तो वे 'टीम निशा बबलू सिंह' के साथ जुड़कर अपने हक की लड़ाई लड़ें।
उन्होंने युवाओं और रोजगार के मुद्दों पर चर्चा न होने पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने सभी से एकजुट होकर अपनी आवाज मजबूत करने की अपील की है और कहा है कि वे अपनी समस्याओं का कानूनी ढंग से समाधान करेंगे। उन्होंने इच्छुक लोगों को अपने व्हाट्सएप नंबर 7309648448 पर संदेश भेजने को कहा है।डब्लू सिंह ने कहा कि वह सोनभद्र के शोषित और गरीब भाई-बहनों और युवाओं के सम्मान में मैदान में उतरे हैं।

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