21 साल का युवक चला रहा था 8 सिम बॉक्स से देशभर में फर्जी कॉल का जाल
हर दिन 10,000 से अधिक फर्जी कॉल! बिहार EOU की छापेमारी में बड़ा खुलासा
सुपौल (बिहार): जितेन्द्र कुमार "राजेश"
हर्षित के पास से 8 सिम बॉक्स डिवाइस, सैकड़ों सिम कार्ड (प्रमाणित, उपयोग किए गए और अनुपयोगी), कई बैंक पासबुक, एटीएम और क्रेडिट कार्ड बरामद किए गए हैं। प्राथमिक जांच में पता चला है कि इस नेटवर्क के माध्यम से प्रतिदिन 10,000 से अधिक फर्जी कॉल किए जा रहे थे।
विदेशी नेटवर्क से जुड़ा मास्टरमाइंड हर्षित
हर्षित ने सोशल मीडिया और टेलीग्राम के जरिए चीन, वियतनाम, कंबोडिया समेत कई विदेशी साइबर अपराधियों से संपर्क साधा और उनके गिरोह का हिस्सा बन गया। उसे सिम बॉक्स ऑपरेट करने के लिए पैसे का लालच दिया गया। इसके बाद हर्षित ने वियतनाम से चार और चीन से चार सिम बॉक्स मंगाए, जिनके जरिए भारत में फर्जी कॉल्स की बाढ़ शुरू की गई।
बीओआईपी कॉल को जीएसएम में बदलकर होती थी धोखाधड़ी
इस गिरोह द्वारा विदेशी साइबर स्कैम अड्डों से आने वाली बीओआईपी कॉल्स को भारत में लोकल जीएसएम कॉल्स में बदल दिया जाता था, जिससे टेलीकॉम कंपनियों और भारत सरकार को भारी राजस्व हानि हो रही थी। इन कॉल्स का इस्तेमाल बैंकिंग फ्रॉड, केवाईसी स्कैम, ओटीपी ठगी सहित कई साइबर अपराधों में हो रहा था।
झारखंड से होती थी अवैध सिम की सप्लाई
सिम बॉक्स ऑपरेशन के लिए हर्षित को बड़ी संख्या में सिम कार्ड की आवश्यकता होती थी, जिसके लिए उसने झारखंड के सुमित साह नामक व्यक्ति से संपर्क किया। सुमित ने मार्च से अब तक हर्षित को करीब 1000 सिम कार्ड सप्लाई किए। वहीं, सुमित खुद सुल्तान नामक व्यक्ति से सिम कार्ड मंगवाता था, जिसने अब तक 400 सिम कार्ड हर्षित को दिए।
पांच आरोपी गिरफ्तार, SIT गठित
बिहार पुलिस की साइबर विंग और दूरसंचार विभाग (भारत सरकार) की संयुक्त कार्रवाई में इस पूरे नेटवर्क का खुलासा हुआ है। अपर पुलिस महानिदेशक (EOU) के निर्देशन और पुलिस उपमहानिरीक्षक (साइबर) के मार्गदर्शन में डीएसपी पंकज कुमार के नेतृत्व में गठित SIT ने इस गिरोह के कुल पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है।

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