ओबरा तापीय विद्युत गृह में एक पेड़ माँ के नाम 2.0 अभियान के तहत भव्य वृक्षारोपण कार्यक्रम
तापीय परियोजना में वृक्षारोपण के महत्व पर विशेष जोर
एक पेड़ माँ के नाम 2.0 अभियान के तहत भव्य वृक्षारोपण कार्यक्रम सम्पन्न
अजित सिंह / राजेश तिवारी (ब्यूरो रिपोर्ट)
09 जुलाई 2025। उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चल रहे एक पेड़ माँ के नाम 2.0 अभियान के तहत जिसके तहत 37 करोड़ पौधों के रिकॉर्ड-ब्रेकिंग एक-दिवसीय वृक्षारोपण का लक्ष्य है। पर्यावरण संरक्षण और हरियाली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बुधवार को ओबरा तापीय विद्युत गृह में एक भव्य वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम सी प्लांट के आई डी सी टी गेट के समीप आयोजित हुआ। जिसमें परियोजना के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में वृक्षारोपण के महत्व पर जोर दिया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य महाप्रबंधक इंजीनियर आर.के. अग्रवाल ने की। इस अवसर पर इंजीनियर सोमनाथ मिश्रा (महाप्रबंधक-ब), इंजीनियर एस.के. सिंघल (महाप्रबंधक-सी), इंजीनियर दिवाकर स्वरूप (महाप्रबंधक-सिविल), अधीक्षण अभियंतागण इंजीनियर ए.के. राय, इंजीनियर अजय शर्मा, इंजीनियर मनीष यादव, इंजीनियर संजय पटेल, इंजीनियर जितेंद्र मिश्रा और अधिशासी अभियंतागण इंजीनियर अंकुर सिंह, इंजीनियर सदानंद यादव, इंजीनियर रिंकेश कुमार, इंजीनियर अवधेश सिंह सहित भारी संख्या में कार्मिक उपस्थित रहे।

इस कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों और कर्मचारियों ने मिलकर विभिन्न प्रकार के फलदार, छायादार और औषधीय पौधों का रोपण किया। इस पहल का उद्देश्य केवल हरित वातावरण को बढ़ावा देना नहीं था, बल्कि कर्मचारियों और आमजन में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता भी पैदा करना था। मुख्य महाप्रबंधक इंजीनियर आर.के. अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि पर्यावरण संरक्षण आज की आवश्यकता है और वृक्षारोपण इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

उन्होंने सभी कर्मचारियों से आग्रह किया कि वे सिर्फ पौधे न लगाएं, बल्कि उनकी उचित देखभाल भी करें, ताकि वे बड़े होकर आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ वायु और हरियाली प्रदान कर सकें। उन्होंने तापीय विद्युत गृहों में वृक्षारोपण के विशेष महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि पेड़-पौधे परिसर को हरा-भरा और सुंदर बनाने के साथ-साथ वायुमंडलीय प्रदूषण को कम करने में भी सहायक होते हैं।
पौधे वायुमंडल में मौजूद हानिकारक गैसों जैसे कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और धूल कणों को अवशोषित करते हैं, जिससे कार्यस्थल का पर्यावरण शुद्ध और स्वस्थ बनता है। इसके अलावा, वृक्ष गर्मी को कम करते हैं और स्थानीय जलवायु को संतुलित बनाए रखने में मदद करते हैं। यह जैव विविधता के संरक्षण में भी सहायक है और कर्मचारियों को मानसिक रूप से शांत वातावरण प्रदान करता है।
इंजीनियर सोमनाथ मिश्रा, इंजीनियर एस.के. सिंघल और इंजीनियर दिवाकर स्वरूप ने भी अपने विचार साझा करते हुए बताया कि ओबरा परियोजना पर्यावरण संरक्षण के प्रति सदैव प्रतिबद्ध रही है और भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहेंगे।कार्यक्रम का समापन लगाए गए पौधों की सिंचाई और उनके संरक्षण के लिए संकल्प के साथ किया गया।
उपस्थित सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपने उत्तरदायित्वों को निभाने की प्रतिज्ञा ली। यह आयोजन ओबरा तापीय विद्युत गृह की पर्यावरण के प्रति जागरूकता और भविष्य में एक हरे-भरे व स्वस्थ सोनभद्र के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

Comment List