मनरेगा के भूतिया मजदूर ,एक दिन, एक समय में एक ही मजदूरों की सात परियोजना पर फोटो अपलोड
-फर्जी हाजिरी लगा सरकारी धन का बंदरबाट
फर्जी मजदूरों की कागजों में लगाई जा रही हाजिरी सेवरही विकास खण्ड के जवही नरेंद्र और बेदूपार गांव का मामला
कुशीनगर।
केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) जनपद के सेवरही विकास खंड में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है। यहां फर्जी मस्टरोल और कागज़ी मजदूरों के जरिए सरकारी खजाने में डाका डाला जा रहा है। जहां मनरेगा मजदूरों की मस्टरोल में फर्जी हाजिरी लगाकर सरकारी धन का बंदरबांट किया जा रहा है। यहां चल रही दर्जनों परियोजनाओं पर एक ही मजदूरो की हाजिरी लगाई जा रही है यह कैसे सम्भव है, कि एक ही मजदूर एक ही समय कई साइडों पर कैसे काम कर सकते हैं।
सेवरही विकास खण्ड के ग्राम पंचायत जवहीं नरेंद्र में चल रही परियोजना जवही नरेंद्र से जवही मलही एहतमली रितेश गुप्ता के खेत से ड्रेन तक सिल्ट सफाई कार्य जिसमें 9 सेट मस्टरोल में 89 मजदूर , दूसरा जवही नरेंद्र कृष्णा के खेत से भरत यादव के खेत तक ड्रेन की सिल्ट सफाई जिसमे 10 सेट मस्टरोल पर 95 मजदूर, तीसरा जवही नरेंद्र से जवही दयाल तक ड्रेन की सिल्ट सफाई कार्य 10 सेट मस्टरोल पर 97 मजदूर,चौथी परियोजना जवही नरेंद्र से गौरहा तक ड्रेन की सिल्ट सफाई कार्य 10 सेट मस्टरोल पर 95 मजदूर, पांचवी परियोजना जवही नरेंद्र में हरिंद्र कुशवाहा के खेत से जवही हरी बल्लम सीमा तक मिट्टी कार्य 4 सेट मस्टरोल पर 34 मजदूर तो वहीं सेवरही विकास खंड के दूसरे गांव बेदूपार में भी वही मजदूर दो परियोजनाओं पर उसी दिन काम करते देखे जा रहे है ।
बेदुपार एहतमाली पुलिया से बब्बन यादव भट्ठा तक चकरोड पर मिटटी कार्य 5 सेट मस्टरोल में 45 मजदूर व दूसरी परियोजना बेदुपार एहतमाली लोहा के घर से बेदुपार एहतमाली सीमा से होते हुए विरवट बांसी तक चकरोड पर मिटटी कार्य पर 7 सेट में 70 मजदूर काम कर रहे हैं। कुल मिला कर जवही नरेंद्र में 5 परियोजना पर 410 मजदूर यानी एक दिन में 1,03,320 रुपए तो वहीं बेदूपार में 115 मजदूर 28, 980 रुपए यानी दोनों गांव में मिला कर कुल 525 मजदूरों की हाजिरी एक दिन में लगाई गई है। यानी एक दिन में 1,32,300 रुपए सरकारी धन को एपीओ, सचिव व बीडीओ की मिली भगत से चूना लगाया जा रहा है। सभी परियोजना पर एक ही फोटो अपलोड है। जिससे साफ तौर से स्पष्ट हो रहा हैं कि मस्टरोल में फर्जी हाजिरी लगाई जा रही है।
ग्रामीणों की मानें तो ऐसे कई मजदूरों के नाम पर हाजिरी लगाई जा रही है, जिन्होंने कभी काम देखा ही नहीं और फर्जी हाजिरी से पूरा भुगतान कराया जा रहा है और सरकार का रुपया रोजगार सेवक, प्रधान, सचिव और अधिकारियों की जेब में पहुंच रहा है। तकनीकी सहायक भी इस गोरखधंधे में पीछे नहीं हैं। बिना काम कराए एमबी (मेजरमेंट बुक) उनके द्वारा भर दिया जाता है और काम पूरा दिखाकर भुगतान की फाइलें आगे बढ़ा दी जाती हैं। ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार की मजबूत चेन काम कर रही है।
गरीबों को रोज़गार देने वाली योजना, अब भ्रष्ट अधिकारियों की कमाई का जरिया बन चुकी है। कागज़ी आंकड़े चमक रहे हैं, लेकिन जमीनी धरातल पर कुछ होता नजर नहीं आ रहा है। इस सम्बन्ध में मुख्य विकास अधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही हैं। सेवरही विकास खण्ड के ग्राम पंचायतों के साथ क्षेत्र पंचायतों के कार्यो में भी इसी प्रकार मस्टरोल में फर्जी हाजिरी लगा सरकारी धन का बंदरबांट किया जा रहा है।
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