यूपी में समावेशी शिक्षा को बढ़ावा, एक साथ पढ़ेंगे सामान्य और दिव्यांग बच्चे

योगी सरकार ने प्रदेश के सात जिलों-औरेया, लखनऊ, कन्नौज, प्रयागराज, आजमगढ़, बलिया और महराजगंज में समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालय शुरू किए हैं।

यूपी में समावेशी शिक्षा को बढ़ावा, एक साथ पढ़ेंगे सामान्य और दिव्यांग बच्चे

उत्तर प्रदेश सरकार समावेशी शिक्षा की दिशा में तेजी से काम कर रही है। इसी कड़ी में अब दिव्यांग और सामान्य बच्चे एक ही स्कूल में साथ पढ़ सकेंगे। सीएम योगी के नेतृत्व में राज्य सरकार दिव्यांग छात्रों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने और उन्हें समान अवसर देने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है। पिछड़ा वर्ग एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने बताया कि सरकार दिव्यांग बच्चों को केवल सहानुभूति नहीं, बल्कि सम्मान और बराबरी देने के उद्देश्य से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि समावेशी शिक्षा का मतलब है कि कोई भी बच्चा पीछे न छूटे। इस योजना से दिव्यांग बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिल रही है और समाज में समानता और सह-अस्तित्व की भावना भी मजबूत हो रही है।

योगी सरकार ने प्रदेश के सात जिलों-औरेया, लखनऊ, कन्नौज, प्रयागराज, आजमगढ़, बलिया और महराजगंज में समेकित विशेष माध्यमिक विद्यालय शुरू किए हैं। इन स्कूलों में दृष्टिबाधित, श्रवणबाधित, अस्थिबाधित और सामान्य छात्र एक साथ पढ़ाई कर रहे हैं। अब तक इन स्कूलों में कुल 325 छात्रों का पंजीकरण हो चुका है। ये सभी बच्चे एक सकारात्मक, प्रेरणादायक और सहयोगपूर्ण वातावरण में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इन स्कूलों में विशेष शिक्षक, ब्रेल लिपि की पुस्तकें, स्पेशल एजुकेशन उपकरण, श्रवण यंत्र, व्हीलचेयर, रैम्प और अन्य सहायक साधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके साथ ही सामान्य छात्रों के साथ मिल-जुलकर संवाद और साझा गतिविधियों के ज़रिए भेदभाव की दीवार को खत्म किया जा रहा है।

प्रदेश सरकार का मानना है कि सिर्फ दिव्यांगों के लिए अलग स्कूल बनाना काफी नहीं है। उन्हें सामान्य बच्चों के साथ एक ही मंच पर पढ़ाकर ही असली समावेशी शिक्षा दी जा सकती है। इसी सोच के तहत गाजियाबाद में एक नया समेकित विशेष विद्यालय निर्माणाधीन है, जबकि मीरजापुर, एटा, प्रतापगढ़, वाराणसी और बुलंदशहर में निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। योगी सरकार का उद्देश्य है कि प्रदेश के हर कोने में दिव्यांग बच्चों को गुणवत्तापूर्ण माध्यमिक शिक्षा मिले, जिससे वे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें और अपनी पूरी क्षमता का उपयोग कर सकें।

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