सोनभद्र: शिव पार्वती अमर गुफा-आस्था, प्रकृति और विकास का अद्भुत संगम
शिव पार्वती अमर गुफा आस्था आध्यात्मिक शांति और गहरी आस्था का केन्द्र
आस्था और विकास के संगम पर श्री शिव पार्वती अमर गुफा
अजीत सिंह की ग्राउंड रिपोर्टिंग
उत्तर प्रदेश के ओबरा, सोनभद्र के डाला क्षेत्र में स्थित श्री सिद्ध पीठ शिव पार्वती अमर गुफा, जो युगों से आध्यात्मिक शांति और गहरी आस्था का केंद्र रहा है, अब विकास के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है। प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की सक्रियता के चलते मंदिर के सौंदर्यीकरण और विभिन्न विकास परियोजनाओं में तेजी आई है, जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं में प्रसन्नता की लहर व्याप्त है।
स्थानीय श्री हर हर महादेव सेवा समिति के सदस्य और मंदिर के प्रति गहरी श्रद्धा रखने वाले भक्त इस सराहनीय पहल के लिए प्रदेश सरकार के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं। उनका कहना है कि भाजपा सरकार ने हमेशा ही हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण स्थलों के विकास को प्राथमिकता दी है, जो अत्यंत सराहनीय कदम है। समिति ने मंदिर के विकास कार्यों को जन-जन तक पहुंचाने और इस महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाने में अपना बहुमूल्य योगदान देने वाले पत्रकारों का भी तहे दिल से धन्यवाद ज्ञापित किया है।
कई वर्षों से चली आ रही मंदिर की पारंपरिक रीति-रिवाजों का निर्वहन समिति द्वारा निरंतर किया जा रहा है, जो इस पवित्र स्थल की सांस्कृतिक विरासत को जीवंत बनाए हुए है।हालांकि, विकास की इस सकारात्मक पहल के साथ-साथ कुछ मूलभूत समस्याएं भी हैं जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। मंदिर तक पहुंचने का जो मार्ग है, वह अत्यंत ही दुर्गम और कष्टदायक है। रास्ते में जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे और उभरे हुए पत्थर श्रद्धालुओं, विशेषकर बुजुर्गों और बच्चों के लिए बड़ी परेशानी का कारण बने हुए हैं।
समिति के सदस्यों ने चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि इन गड्ढों और पत्थरों के कारण अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती हैं, जिससे श्रद्धालुओं को शारीरिक और मानसिक कष्ट का सामना करना पड़ता है।एक और विडंबना यह है कि सोनभद्र को 'ऊर्जा की राजधानी' के रूप में जाना जाता है, लेकिन इसके बावजूद श्री शिव पार्वती अमर गुफा तक अभी तक बिजली की सुविधा नहीं पहुंच पाई है। मंदिर परिसर में न तो बिजली के खंभे लगाए गए हैं और न ही विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की गई है।
समिति के सदस्यों का कहना है कि मंदिर तक पहुंचने के लिए आज तक किसी भी जनप्रतिनिधि या प्रशासनिक अधिकारी के द्वारा पक्की सड़क का निर्माण नहीं कराया गया है। उन्होंने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि कितने ही प्रधान और विधायक इस क्षेत्र में आए और चले गए, लेकिन इस महत्वपूर्ण समस्या पर किसी ने भी गंभीरता से ध्यान नहीं दिया। बरसात के मौसम में तो मंदिर का रास्ता कीचड़ और गड्ढों से पूरी तरह से भर जाता है, जिससे श्रद्धालुओं का आवागमन और भी अधिक कठिन हो जाता है।
इन चुनौतियों के विपरीत, यह भी उल्लेखनीय है कि पर्यटन विभाग के सक्रिय सहयोग से सोनभद्र के अन्य धार्मिक स्थलों का कायाकल्प किया जा रहा है, जो लंबे समय से विकास की राह देख रहे थे। यह प्रयास निश्चित रूप से क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा।श्री हर हर महादेव सेवा समिति के समर्पित सदस्यों और आसपास के क्षेत्र के निवासियों ने एक स्वर में भाजपा सरकार को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि मंदिर में हो रहे विकास कार्य उनके सामूहिक प्रयासों और समिति के कर्मठ सदस्यों की अथक मेहनत का ही फल है।
उन्होंने सभी श्रद्धालुओं और समिति के सदस्यों के प्रति अपना हार्दिक आभार प्रकट किया।श्री शिव पार्वती अमर गुफा न केवल एक पवित्र आराधना स्थल है, बल्कि यह इस क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का भी जीवंत प्रतीक है। मनोरम पहाड़ों के मध्य स्थित भगवान शिव और माता पार्वती का प्राकृतिक शिवलिंग अपने आप में अद्भुत और अद्वितीय है।
इस पवित्र स्थल से हजारों-लाखों लोगों की गहरी आस्था और अटूट विश्वास जुड़ा हुआ है। इस क्षेत्र का विकास न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नई ऊर्जा प्रदान करेगा, जिससे क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। यह मंदिर अब एक महत्वपूर्ण तीर्थ और पर्यटन गंतव्य के रूप में तेजी से उभर रहा है, जहां प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु अपनी श्रद्धा अर्पित करने के लिए आते हैं।
इस विकास कार्य से स्थानीय समुदाय में उत्साह और संतुष्टि की भावना स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है। यहां वर्ष में दो बार भव्य मेले का आयोजन होता है, जिसमें आसपास के घनी आबादी वाले क्षेत्रों के साथ-साथ दूर-दराज से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु जल चढ़ाने और अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए आते हैं।
समिति और स्थानीय लोग आशांवित हैं कि भविष्य में भी सरकार और समिति मिलकर इस पावन स्थल के उत्थान के लिए समर्पित भाव से कार्य करते रहेंगे, ताकि यह दिव्य स्थान और भी अधिक भक्तों को आकर्षित कर सके और क्षेत्र की समृद्धि में अपना महत्वपूर्ण योगदान देता रहे। मंदिर तक सुगम मार्ग का निर्माण और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता इस दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है, जिससे न केवल श्रद्धालुओं को सुविधा होगी बल्कि मंदिर की महत्ता और भी बढ़ेगी।

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