डीएम साहब एक नजर खजनी तहसील की ओर, लेखपाल ने गलत वरासत दर्ज कर शासनादेश का  उडाया मखौल

मुख्यमंत्री के गृह जनपद में खजनी तहसील में किसानों को सुविधा के स्थान पर गलत इंद्राज दर्ज कर परेशान करने का खेल

डीएम साहब एक नजर खजनी तहसील की ओर, लेखपाल ने गलत वरासत दर्ज कर शासनादेश का  उडाया  मखौल

रिपोर्ट/रामशोष तिवारी

खजनी गोरखपुर राजस्व कर्मियों से वरासत जैसे महत्वपूर्ण मामला बिना जांच किए जाने की कोई संभावना न होने के बाद भी मृतक के वास्तविक वरिश का नाम दर्ज कर पाना कितना कठिन काम है यह वरासत के लिए दौड़ लगा रहे वारिस से पता चलता है फिर भी बिना वारिस रहे या परिवार का सदस्य रहे व्यक्ति को किसी के कहने पर वारिस दर्ज करने की बात लेखपाल को हजम करने वाली नहीं है जो खजनी तहसील क्षेत्र के ग्राम बहुरीपार  बुजुर्ग का है इसकी शिकायत पर उप जिलाधिकारी खजनी त्वरित कार्यवाही का निर्देश दिया राजस्व अभिलेख में किसी भी व्यक्ति के वारिश की बरसात करने हेतु वारिश को साक्ष्य के साथ ही तमाम जांचों से भी गुजरना पड़ता है तब जा कर वरासत दर्ज होता है इसके ठीक विपरीत एक मामला व्रम्हदेश देव के शिकायत के बाद सामने आया जिससे मृतक परदेसी पुत्र कनमन  की मृत्यु 25 वर्ष  पुर्व हो चुकी है। तथा कुछ जगह उनके स्थान पर उनके पौत्र राजकुमार पुत्र रामदास का नाम दर्ज होने के बाद भी लेखपाल द्वारा मौजा बहुरीपार  बुजुर्ग में बिना परिवार के सदस्य रहे पांच अन्य लोगों के साथ ही मृतक रामदास का भी और पांच लोगों के साथ नाम दर्ज कर दिया जबकि असली वारिस राजकुमार पुत्र रामदरस ही है और रामदरस की भी मृत्रु काफी पुर्व हो गई है यदि लेखपाल ने जांच किया होता तो सही बात की जानकारी हो गई होती परंतु ऐसे क्यों नहीं किया गया यह वही  बता सकते हैं इसकी जानकारी होने पर ब्रह्मदेव  ने उप जिलाधिकारी सजनी को शिकायत की तो वह मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्यवाही हेतु निर्देशित किया हल्का लेखपाल द्वारा बताया गया कि गांव में कुछ लोगों के कहने पर वरासत दर्ज कर दिया

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